विशुनपुरा छठ महापर्व अनुष्ठान के तीसरे दिन महापर्व को नेम निष्ठा के साथ संपन्न कराने के लिए रविवार को व्रती महिलाओं ने गांव भ्रमण कर छठी मैया के गीत और ढोल बाजे के साथ घर घर जाकर भिक्षाटन किया.
इधर श्रद्धालुओं ने घर द्वार और रास्ते आदि कि सफाई कर छठ महापर्व की तैयारी पूरी कर लिया है.
मुख्यालय के बाजारों में सुप, नारियल, गुड़, फल, दउरा पूजन सामग्री खरीदारी के लिए सुबह से ही दूरदराज से आये छठव्रतियों का भीड़ उमड़ पड़ी थी.
वही भिक्षाठन करने आये श्रद्धालुओ की विशुनपुरा पुरानी वजार से लेकर गांधी चौक, अप्पर बाजार, लालचौक, संध्या मोड़ तक लंबी भीड़ लगी रही. कुछ देर के लिए सड़क पर जाम सा लगा रहा.
वही छठ पूजा को लेकर बाजार में फल, कपड़ा अन्य सामग्रियों की खूब खरीदारी की गयी. आस्था में फल व कपड़े के दाम भले ही महंगे हो पर महँगाई पर आस्था भारी पड़ते दिखा.
बाजारों में सड़क के दोनों तरफ केला, सेव, अनानस, नीबू,
नारियल, ईख की दुकानें सजी हुई थी.
वही विभिन्न पूजा समितियों के द्वारा प्रखंड के कई छठ घाटों की साफ-सफाई, लाइटिंग, साउंड व टेंट तथा व्रतियों को नहाने के लिए सुध पानी का व्यवस्था की गई है. छठ के रंग में शहर से लेकर गाँव तक रंग गए है. छठ मईया के गीतों से माहौल भक्तिमय हो गया है.
ऐसी परंपरा है कि आफत विपत्ति में श्रद्धालु छठी मैया को पांच गांव में भिक्षाटन कर पूजा करने और डाला सजाने की मन्नतें मानते हैं. भिक्षाटन के दौरान व्रती महिलाएं माथे पर दउरा लेकर और हाथ में थाली या सूप लेकर ढोल बाजे के साथ छठी मैया की गीतों को गाते हुए भिक्षाटन करती हैं और भिक्षाटन में मिली सामग्री से छठी मैया का दउरा सजाती हैं.