कला एवं साहित्य की परिभाषा अखिल भारतीय संस्था संस्कार भारती के द्वारा गुरु पूर्णिमा के शुभ अवसर पर कला गुरु सम्मान समारोह-2022 का आयोजन संस्कार भारती गढ़वा जिला इकाई के नाट्य विधा सह संयोजक जयप्रकाश रमण के आवास पर किया गया।
सर्वप्रथम भगवान नटराज की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन व पुष्पार्चन उपस्थित जनों के द्वारा किया गया।
संस्कार भारती के ध्येय गीत "साधयति संस्कार भारती भारते नवजीवनम्..." की प्रस्तुति अणिमा कुमारी के द्वारा दी गई।
अणिमा कुमारी द्वारा स्वरचित गुरु वंदना "गुरु पाऊँ सदा आशीष तेरे चरण की,
एक छोटी मधुर आश्रय
तेरे शरण की..." प्रस्तुत की गयी।
विषय प्रवेश कराते हुए संस्कार भारती झारखंड प्रांत के मंत्री नीरज श्रीधर 'स्वर्गीय' ने कहा कि संस्कार भारती कला साधकों का संगठन है। कला साधक अपनी कला साधना को तपस्या की तरह महत्वपूर्ण मानकर उसका सम्मान करते हैं। इसीलिए उनकी रचनाओं एवं कला प्रदर्शन में सकारात्मकता का दर्शन होता है। संस्कार भारती के निर्धारित छः उत्सवों में से दूसरा है गुरु पूर्णिमा उत्सव। इसमें कला के सर्जक भगवान नटराज की पूजा होती है।साथ ही किसी कला विधा के गुरु का सम्मान कलाकारों द्वारा किया जाता है। आज हम लोक गायन के क्षेत्र में लगभग चार दशक से अधिक समय से सक्रिय रहते हुए अपने कई शिष्यों को भी तैयार करने का कार्य विक्रमा व्यास जी ने किया है। गढ़वा में दुगोला की शुरुआत में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। आज भी विभिन्न अवसरों पर उनके गायन का आनंद लोगों को प्राप्त होता है।इस वर्ष की होली में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की 172वीं वाहिनी के कमान अधिकारी आशीष कुमार झा के आवास पर संस्कार भारती की तरफ से दो दिवसीय होली गायन का आयोजन किया गया था। जिसमें बहुत ही सुंदर प्रस्तुतियाँ देकर विक्रमा व्यास ने वहाँ उपस्थित गढ़वा जिले के समस्त प्रशासनिक पदाधिकारियों का भरपूर मनोरंजन किया था। आज गुरु पूर्णिमा के अवसर पर कलागुरु सम्मान-2022 से विक्रमा व्यास को सम्मानित किया जा रहा है।
"कला गुरु सम्मान-2022" से प्रसिद्ध लोक गायक व इसी विधा के माध्यम से अनेक शिष्यों को प्रसिद्धि दिलाने वाले विक्रमा व्यास को डॉ. धर्मचंद अग्रवाल के कर कमलों द्वारा तिलक लगाकर माला पहनाने के पश्चात अंगवस्त्र व सम्मान-पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।इस अवसर पर मंत्रोच्चार श्याम नारायण पाण्डेय द्वारा किया गया।
विशेष रुप से उपस्थित एस.एस.जे.एस. नामधारी महाविद्यालय,गढ़वा के प्राचार्य डॉक्टर धर्मचंद अग्रवाल ने कहा कि इस सृष्टि में केवल मनुष्य ही है जो कुछ सीख कर उन कलाओं को दूसरे को सिखलाने में सक्षम है। इस दृष्टिकोण से हमें जो यह मनुष्य तन प्राप्त हुआ है उसका उत्कृष्ट उपयोग करना चाहिए जिसका उत्कृष्ट माध्यम संस्कार भारती है।
कला गुरु सम्मान 2022 से सम्मानित होने वाले विक्रमा व्यास ने कहा कि आज संस्कार भारती के द्वारा जो मुझे सम्मान मिला है वह मेरे जीवन का सबसे बड़ा सम्मान है।क्योंकि कला एवं साहित्य की अखिल भारतीय संस्था संस्कार भारती द्वारा भारतीय संस्कृति का अलख जगाए रखने की दिशा में जो कदम उठाया है सभी के लिए अनुकरणीय है। मैं जब तक रहूँगा तब तक संस्कार भारती के जिस किसी भी आयोजन में मुझे बुलाया जाएगा उसमें अपनी प्रस्तुति देना मैं अपना सौभाग्य समझूँगा।
धीरेन्द्र चौबे ने कहा कि संस्कार भारती द्वारा आयोजित कला गुरु सम्मान समारोह-2022 अनुकरणीय व प्रशंसनीय है।
इस अवसर पर सुंदर भू-अलंकरण का निर्माण संस्कार भारती गढ़वा जिला इकाई की संगीत विधा सह संयोजिका अर्चना कमलापुरी जी के निर्देशन में प्रज्ञा कुमारी , अर्चना कुमारी व अंकिता कुमारी ने सुन्दर रंगोली बनायी।
आयोजन को सफल बनाने में नीतू रमण , अशोक कमलापुरी , संस्कार भारती गढ़वा जिला इकाई के उपाध्यक्ष श्याम नारायण पाण्डेय , लोक कला संयोजक अरविंद कुमार तिवारी , कार्यकारिणी सदस्य कौस्तुभ तिवारी , कुमार गौरव गर्ग , सृजन , सृष्टि , गया दिवाकर आदि ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी।
कार्यक्रम का संचालन नीरज श्रीधर 'स्वर्गीय' ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापित जय प्रकाश रमण द्वारा किया गया।
"वन्दे मातरम्..." के सामूहिक गान के साथ कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।