माह ए रमजान महीना में अल्लाह के करीब जाने का मौका मिलता है;कैसर Nagar-

 श्री बंशीधर नगर:-माह-ए-रमजान में एक माह तक रोजे रखने के साथ-साथ तरावीह की नमाज अदा करना सुन्नत माना गया है। इसलिए हर मुसलमान का फर्ज है कि वह पूरे 30 दिनों तक तरावीह की नमाज पढ़े. उक्त बातें सिटी हॉस्पिटल डॉ कैसर आलम ने कहि। उन्होंने कहा कि खुदा की इबादत का पवित्र रमजान का महीना चल रहा है। इस बार माहे रमजान गर्मी के सीजन में गर्मी ऐसे है कि रोजा रखना बड़े बड़ों के लिए आसान नहीं है दिन गुजरते गुजरते हल्क सुख जा रहा हैं। प्यास की वजह से लोग परेशान हो जाते हैं लेकिन अल्लाह का हुक्म मानने वाले लोग रमजान के पाक महीने में रोजा जरूर रखते हैं। उन्होंने कहा कि माह ए रमजान पाक महीना होता है जिसमें लोगों को इस महीने में अल्लाह के करीब जाने का मौका मिलता है। यह महीना हर मुसलमानों के लिए बहुत मायने रखता है । उन्होंने कहा कि रमजान के महीने में जन्नत यानी है स्वर्ग के दरवाजे खुल जाते हैं. और इस पवित्र महीने में हर दुआ पूरी होती है इसमें सिर्फ रोजा रखना ही सब कुछ नहीं होता बल्कि बहुत सी बातों का ध्यान देना पड़ता हैं।




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