श्री बंशीधर नगर:- पवित्र रमजान महीने को लेकर मुस्लिम समुदाय में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है रमजान माह शुरू होते ही रोजेदारों के सब्र का कड़ा इम्तिहान चल रहा है उक्त बातें अंजुमन कमेटी के मुख्य निगरानी सदस्य तस्लीम खान ने कहीं। तस्लीम खान ने कहा कि भीषण गर्मी और उमस भरे मौसम में पड़ने वाले रमजान इसे कोई भी रोजा 14से 15 घंटे से कम नहीं होता हैं।उन्होंने कहा कि बुराई से तौबा कर अल्लाह की इबादत करने खासा महीना रमजान है.उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदाय के लोगों को विशेष महत्त्व रखता है। उन्होंने कहा कि रमजान का महीना इस्लाम धर्म से सबसे पवित्र एक कुरान का महीना भी कहा जाता है। रमजान की रात में एक विशेष नमाज होती है जिसे तरावीय कहते हैं। रमजान के महीने में अल्लाह बन्दों के लिए रहमतों के दरवाजे खोल देता है उनकी झोली भर देता हैं,अल्लाह की एक अलग रहमत रहती हैं। उन्होंने कहा कि रमजान में रोजाना रखना बहुत बड़ा गुनाह है रोजे की अहमियत इसलिए और अधिक है कि इसमें गरीब अमीर एक सम्मान बराबर हैं और सबके लिए एक ही रास्ता बताया गया है। अमीर मुस्लिम रोजा रखकर भूख की शिद्दत को जान सके और किसी गरीब की अहमियत को पहचान सके।