गढ़वा जिला सचिव सह पूर्व प्रत्यासी गढ़वा विधानसभा क्षेत्र के वीरेंद्र साव ने विजली संकट को लेकर हेमंत सरकार पर जनता के साथ चुनावी घोषणा पत्र के माध्यम से वादा खिलफी का आरोप लगाते हुए कहा है कि गढवा समेत सम्पूर्ण झारखण्ड में बिजली संकट के लिए त्राहि-त्राहि मचा हुआ है। गढ़वा जिला देश के सबसे गर्म जिला मे गिनती हो रही है। केन्द्र सरकार हिट बेव से जनता को बचाने के लिए मुख्यमंत्री को निर्देश जारी कर रहे हैं। मगर झारखण्ड में सब ढाक के तीन पात वाली कहावत चरितार्थ हो रही है। सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग सोई हुई है। चिकित्सा विभाग के पास लु लहर से बचाने के लिए कोई ब्यवस्था नहीं है।
चुनावी घोषणा पत्र में यूपीए गठबंधन के लोगों ने कहा था कि हम सरकार में आयेंगे तो 200 युनिट तक बिजली निशुल्क करेंगे। 0%बिजली कटौती होगी। मगर हेमंत सोरेन सरकार ने बिजली दर में बढ़ोतरी की है साथ ही गढवा समेत पुरे राज्य में 7-8 घन्टे बिजली मिल रहे हैं। जबकि बिड़ला कास्टिक सोडा प्लांट में 24 घंटा बिजली आपूर्ति की जा रही है। किसानों का खेत पटवन के बिना सुख रहे है। किसान फसल सुख जाने से कर्ज मे डूबते जा रहे हैं. शहरी क्षेत्रों में सप्लाई पानी बाधित है। हेमंत सोरेन सरकार सब मामले में फेल हो गई है। इस सरकार का मात्र काम रह गया है झारखण्ड के प्राकृतिक संसाधनों का दोहन करना व राज्य को लुटने के लिए कोई भी कदम से बंचीत न रखना.
हेमन्त सोरेन सरकार कि असली चरित्र जनता समझ गई है यही रवैया रहा तो जनता सरकार को आने वाले समय मे सबक सिखायेगी. सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। श्री साव ने कहा कि पूरे झारखंड को इस समय लगभग 2500 मेगवात बिजली की आवश्यकता है पर आधा भी सरकार नही दे रही है. जबकि अपने झारखंड राज्य मे ही लगभग 5000 मेगवात् बिजली का उत्पादन होता है. सरकार दूसरे राज्यों को बिजली बेच रही है और झारखंड के लोग बिजली के लिए त्राहि त्राहि कर रही हैं. अगर बिजली व्यवस्था मे सुधार नही हुआ तो जनहित, किसानों, छात्रों, व्यवसायीयों के हित मे आंदोलन होगा.