राणाडीह बालू घाट पर रात्रि में अवैध बालू का कारोबार अन्तरराज्यीय ढुलाई जोरो पर...प्रशासन मौन Report Brajesh

  कांडी प्रखंड क्षेत्र के राणाडीह बालू घाट से सबसे बड़े पैमाने पर होता रहा है अवैध बालू का कारोबार। इसमें छोटी बड़ी मशीनों से अवैध एवं बेतरतीब ढंग से बालू का उत्खनन, लोडिंग एवं बड़ी बड़ी गाड़ियों से अन्तरराज्यीय ढुलाई शामिल है। इस पर विडंबना यह है कि इस विशाल कारोबार कीओर से प्रशासन मौन बना रहता है।प्रशासन के नाक नीचे से बालू का हो रहे अवैध उत्खनन व ढुलाई बदस्तूर जारी है।रात 10 से सुबह 4 बजे तक बालू से जुड़े अवैध गोरखधंधा बेरोकटोक जारी रहता है।सैकड़ो ट्रैक्टर व बड़ी गाड़िओ से बालू का ढुलाई होता है।जिसकी जानकारी जिला से लेकर स्थानीय प्रशासन को है।लेकिन बालू माफिया के इस अवैध धंधे पर अंकुश लगाने के लिए किसी ने भी कार्रवाई करने के लिए कोई ठोस कदम उठाना जरूरी नही समझा।इसके पीछे क्या कारण हो सकता है कोई नही जानता।

कांडी प्रखंड क्षेत्र से इन दिनों अवैध बालू का करोबार चरम पर है। मालूम हो कि कांडी प्रखंड क्षेत्र इसकी सीमावर्ती दो बड़ी नदियों सोन व कोयल के किनारे अवस्थित है। लिहाजा पिछले कई सालों से यहां बहुत बड़े पैमाने पर बालू से सोना बनाने का कारोबार जारी है। इसमें सीमावर्ती सभी गांवों के निकट से सोन एवं कोयल नदी से बालू निकालने का कारोबार बेरोकटोक चालू है। इनमें राणाडीह बालूघाट से सबसे अधिक उत्खनन व ढुलाई होता रहा है व हो रहा है। इस दौरान कहां व कितनी गहराई से बालू का उत्खनन व उठाव करना है इसका भी खयाल नहीं रखा जाता। लिहाजा नदियों के अस्तित्व पर भी खतरा उत्पन्न हो रहा है।रात के अंधेरे में कोयल नदी में पोकलेन व जेसीबी से नदी में 10 से 15 फीट गहरा खुदाई कर बालू का उठाव व भंडारण किया जा रहा है।राणाडीह बालू घाट बन्द है इसके आड़ में बालू माफिया अपनी बालू का गोरखधंधा जारी रखा है। मालूम हो कि करोड़ों की लागत से बने भीम बराज के निकट से कांडी के भंडरिया एवं झारखंड के सबसे लंबे उच्चस्तरीय सड़क पुल सुंडीपुर पंसा के निकट से बालू के उत्खनन का मामला भी प्रकाश में आ चुका है। बावजूद इसके सबसे बड़े आश्चर्य की बात है कि इस मामले में प्रशासन बिल्कुल मौन बना रहता है। एक ओर जहां राणाडीह बालू घाट पर बालू डंपिंग के साथ साथ कोयल नदी में पोकलेन से वृहद पैमाने पर बालू का अवैध उत्खनन, डंपिंग व ढ़ुलाई जारी है। वहीं दुसरी ओर कोयल व सोन नदी से रात में वृहद पैमाने पर बालू की ढुलाई जारी है। उल्लेखनीय है कि हाइवा के साथ साथ छह पहिया से लेकर 14 - 16 पहिया तक की बड़े ट्रकों में ओवरलोड व अंडरलोड बालू उत्तरप्रदेश के बड़े शहरों में भेजा जाता है। इस बेदर्दी से बालू ढुलाई के कारण कांडी प्रखंड की तमाम अच्छी सड़कें टूटकर बर्बाद हो चुकी हैं। भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के गढ़वा जिलाध्यक्ष रामलाला दुबे ने इस मामले में कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए जिला के  उपायुक्त से बालू के गोरखधंधे पर तत्काल नकेल कसने की गुहार लगाई है।


इस विषय में सीओ मनोज तिवारी ने बताया कि कोयल नदी से बालू का अवैध धंधा किया जा रहा है।यह मेरे संज्ञान में नही है।जांच किया जाएगा।अगर जांच में बालू जा अवैध उत्खनन की बात सामने आती है तो संबंधित के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।









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