कांडी /गढ़वा : झारखंड राज्य माध्यमिक शिक्षक संघ के जिला सचिव नागेन्द्र चौधरी ने संघ के प्रांतीय महासचिव के अहवाहन पर झारखंड के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव द्वारा शिक्षकों को अपमानित करने वाला बयान की कड़ी शब्दों में भर्त्षना एवम निंदा की हैं।साथ ही जिले के सभी शिक्षक कला बिल्ला लगाकर सांकेतिक विरोध करते हुए विद्यालय में पठन पाठन का कार्य किया है। उक्त सभी शिक्षकों ने कहा की माननीय मंत्री को अपनी बात वापस लेते हुए सार्वजनिक माफ़ी मांगनी चाहिए। केवल निजी विद्यालय का महिमामानदान करना सरकारी शिक्षकों के उत्साह को कुंठीत करना घोर अपमानित करने के बराबर है। रविवार को सम्मानित करना तथा शनिवार को निंदनीय बयान देना माननीय की तुच्छ मानसिकता को परिलक्षित करता हैं। माननीय मंत्री जी को सरकारी विद्यालय की दशा के लिए स्वयं जिम्मेवारी लेनी चाहिए क्योंकि सरकार पढ़ाने के बजाय शिक्षक को तमाम गैर शैक्षणिक कार्यों में संलग्न की हुई है। मंत्री जी को एक बार दिल्ली मॉडल का भी मूल्यांकन कर लेना चाहिए।यदि सरकार गरीब गुरबे, दबे कुचले तथा सुविधा विहीन क्षेत्र के छात्र छात्राओं का चतुर्दिक विकाश चाहती हैं तो शिक्षकों को तत्काल गैर शैक्षणिक कार्य से मुक्त करें और साथ ही आरटीई अधिनियम के अनुसार छात्र शिक्षक अनुपात को शीघ्र संतुलित करे। सरकारी शिक्षकों में न योग्यता की कमी हैं न उत्सुकता और न ही नवाचारी गुणों की। सरकारी शिक्षकों की कार्य कुशलता से देश में राज्य का स्थान संतोष जनक पायदान पर हैं। यहां प्रतिदिन राज्य से जिला तक गैर शिक्षा से सम्बन्धित प्रतिवेदन मांग कर शैक्षणिक माहौल स्वयं सरकार खराब कर रही है। अपनी नाकामी का ठीकरा हम शिक्षकों पर फोड़ रही है।मौके पर उत्क्रमित उच्च विद्यालय के शिक्षक सह उर्दू शिक्षक संघ जिला अध्यक्ष मो मंसूर आलम, झारखण्ड प्रगति शील प्राथमिक शिक्षक संघ जिला कोषाध्यक्ष पुरषोत्तम कुमार द्विवेदी, शिक्षक विजय कुमार तिवारी, उपेंद्र प्रसाद, नंदलाल मेहता, अविनाश कुमार दुबे, बदरी नारायण, अखिलेश कुमार, परमानंद, कमलेश राम समेत कई अन्य शिक्षक उपस्थित थे।