मेदिनीनगर : चैनपुर प्रखंड के बोकेया कला गांव में हुई जनेश्वर चौधरी हत्याकांड के विरोध में 4 सितंबर को निषाद समाज के विभिन्न संगठन ने निर्णय लेकर 6 सितंबर को पलामू एसपी को एक आवेदन देकर अल्टीमेटम दिया था कि 72 घंटों के अंदर दोषियों की गिरफ्तारी नहीं हुई तो उग्र आंदोलन के साथ-साथ एसपी का घेराव किया जाएगा। लेकिन पुलिस प्रशासन ने तत्परता दिखाते हुए सभी अपराधियों को गिरफ्त में ले लिया और अपनी कार्यशैली पर उंगली उठने से बचा लिया। नहीं तो पलामू प्रण्डल से हजारों की संख्या में सड़क पर उतरने की तैयारी कर ली थी। इस क्रियाकलाप के लिए पलामू प्रमंडल के निषाद समाज के विभिन्न संगठनों द्वारा पुनः12 सितंबर को बैठक कर पुलिस प्रशासन के इस कारवाई के प्रति आभार व्यक्त किया और पलामू एसपी एवं चैनपुर थाना प्रभारी से मिलकर धन्यवाद ज्ञापन भी करने का फैसला लिया है। मांग करने वाले लोगों एवं संगठनों के प्रति भी आभार व्यक्त किया गया। साथ ही निषाद समाज के लोगों का कहना है कि सिर्फ गिरफ्तारी से काम नहीं चलेगा बल्कि संवैधानिक तरीके एवं कॉल डिटेल्स के माध्यम से वैसे लोगों को भी सामने लाने की जरूरत है जो घटना को अंजाम देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वैसे मास्टरमाइंड को भी गिरफ्त में पुलिस प्रशासन को लेना चाहिए। निषाद समाज ने जनप्रतिनिधियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि एक तरफ विपक्ष में बैठे स्थानीय विधायक आलोक कुमार चौरसिया ने 10 घंटे का अल्टीमेटम दिया था इसके बावजूद भी गिरफ्तारी नहीं हुई और वहीं दूसरी ओर पूर्व मंत्री कृष्णानंद त्रिपाठी ने तत्काल गिरफ्तार की मांग की थी लेकिन तुरंत कार्रवाई नहीं हुई, तो वहीं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष इंदर सिंह नामधारी ने तो मीडिया के माध्यम से आश्वस्त किया था कि 2 विधायकों से बातचीत हुई है कि मामला सदन में जरूर उठेगा। लेकिन यह भी बिल्कुल झूठा आश्वासन निकला। तब जाकर पलामू प्रमंडल के निषाद समाज के विभिन्न संगठनों द्वारा मांग की गई और पुलिस प्रशासन नें भरपूर सहयोग किया और अपना दायित्व भी निभाया। आगे भी भरोसा है कि संवैधानिक रूप से कड़ी से कड़ी कार्रवाई होगी ताकि सजा खत्म होने के बाद अपराधी जब घर लौटे तो एक बार गंभीरता से जरूर सोचे कि अपराध करने का प्रतिफल क्या होता है। निषाद समाज के लोग कभी नहीं चाहते कि किसी व्यक्ति को परेशान किया जाए, लेकिन अपराधी एवं असामाजिक तत्वों के खिलाफ समाज हमेशा सवाल खड़ा करते रहेगा। समाज में यह बात खुलकर आई कि जब रामपुर डैम पर 80% जमीन निषादों का है और 20% अन्य लोगों का है तो फिर कैसे मान लिया जाए जनेश्वर चौधरी मछली चोरी करने गया था यह बिल्कुल झूठा आरोप लगाकर साजिश के तहत हत्या की गई है और इस डैम पर आने वाले समय में निषाद समाज के लोग प्रशासन की मदद से कब्जा करेंगे और मछली पालन कर रोजगार उपलब्ध कराएंगे और लोगों का इससे आर्थिक मदद मिलेगी। तीसरा महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया कि जनेश्वर चौधरी की प्रतिमा स्थापित कर समाज को संदेश दिया जाएगा की किसी भी परिस्थिति मैं डरना नहीं बल्कि मुसीबतों से लड़ना सिखाएगा। यह घटना काफी मर्माहत करने वाली है। लेकिन इस क्षेत्र में मिसाल के तौर पर जनेश्वर चौधरी को याद किया जाएगा। मौके पर महर्षि वेदव्यास परिषद विद्वत प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ कुलदेव चौधरी, पलामू जिला अध्यक्ष प्रेम लाल चौधरी, रमना उपप्रमुख रविन्द्र कुमार चौधरी, झारखंड निषाद विकास संघ के पलामू जिला सचिव रमेश चौधरी, राष्ट्रीय मछुआरा संघ के पलामू जिला अध्यक्ष विष्णुदेव चौधरी, पंचायत समिति सदस्य ब्रह्मदेव चौधरी, वरिष्ठ समाजसेवी लक्ष्मण चौधरी, नंदकिशोर चौधरी, सुदामा चौधरी, शिक्षक कमलेश चौधरी, बरांव पंचायत अध्यक्ष सिकंदर चौधरी, भरदुल चौधरी, बचनदेव चौधरी, लाल बिहारी चौधरी, आशीष चौधरी, संजय चौधरी, संतोष चौधरी, जितेन्द्र चौधरी, मुन्नी चौधरी, राजमुनि चौधरी, रामप्रवेश चौधरी आदि उपस्थित थे।