गढ़वा में पहली बार हुआ विश्व गुर्दा दिवस का आयोजन-- दो मातृ शक्तियों को सम्मानित किया गया, जिन्होंने अपने पुत्रों को किडनी देकर जीवनदान दिया।

 गढ़वा, विश्व गुर्दा दिवस के अवसर पर गढ़वा जिला के सदर अस्पताल के सभागार में पंडित हर्ष द्विवेदी कला मंच,नवादा,गढ़वा की तरफ से एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें जिला की दो ऐसी मातृशक्तियों को सम्मानित किया गया, जिन्होंने अपने पुत्रों को किडनी देकर एक ही जीवन में दो दो बार जीवनदान दिया। इस अवसर पर मंच के निदेशक नीरज श्रीधर स्वर्गीय ने लोगों से अंगदान के प्रति जागरूकता बढ़ाने की अपील की।


साइलेंट किलर है किडनी डिजीज


सदर अस्पताल के वरिष्ठ सर्जन डॉ अमित कुमार बताते हैं कि किडनी का काम ब्लड को फिल्टर करना है। इसके खराब होने की वजह शरीर में दूषित खून का प्रवाह होने लगता है और शरीर के कई अंग प्रभावित होने लगते हैं। किडनी के खराब होने की कई वजह है, जिसमें से अत्यधिक दवाओं का सेवन भी एक है। लेकिन परेशानी की बात ये है कि किडनी के खराब होने के लक्षण तो दिखाई पड़ते हैं लेकिन उसे नजरअंदाज करने की वजह बीमारी बहुत बढ़ जाती है।


अगले 9 साल में विश्व में सबसे ज्यादा किडनी मरीज भारत में होंगे


इस अवसर पर परमेश्वरी अस्पताल के निदेशक और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के गढ़वा जिला के सचिव डॉ निशांत बताते हैं वर्तमान में भारत में हर 100 में से 15 लोग किडनी की बीमारी से ग्रसित हैं। जिस तेजी से किडनी के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है, उसके अनुसार आने वाले 9 साल में भारत विश्व का सबसे ज्यादा किडनी के मरीजों वाला देश बन जाएगा। जबकि युरिन के रूटीन जांच और ब्लड करेटिनिन की जांच से इसका समय पर पता लगाया जा सकता है। उनका सुझाव है कि 40 साल की उम्र के बाद इंसान को एक निश्चित समयावधि के बाद जांच जरूर करवाना चाहिए।


बचपन में खुजली से भी हो सकता है किडनी खराब



गढ़वा सदर अस्पताल के एसीएमओ डॉ ज्वाला प्रसाद ने आयोजन की तारीफ करते हुए बताया कि किडनी की परेशानी के कई कारण हो सकते हैं।इसमें से एक कारण बचपन में होने वाली खुजली और टॉन्सिल की परेशानी भी है। उनका कहना है कि बचपन में कुछ बच्चों को स्टेप्टोकोकस हो जाता है, इसमें खुजली होती है। अक्सर लोग इसे सामान्य खुजली मान कर नज़रअंदाज कर देते हैं, लेकिन कालांतर में इससे किडनी की परेशानी भी होती है।


झारखंड सरकार देती है 10 लाख तक के इलाज की सहायता


इस अवसर पर झारखंड के पेय जल मंत्री व स्थानीय विधायक मिथिलेश ठाकुर के स्वास्थ्य प्रतिनिधि कंचन साहू ने बताया कि गढ़वा सदर अस्पताल में डायलिसिस मशीन लगने का काम शुरू हो गया है और अगले सप्ताह से यह काम करना भी शुरू कर देगा। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि झारखंड सरकार प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना के साथ ही किडनी, और कैंसर जैसे बीमारी के मरीजों को इलाज के लिए 5 लाख रुपए की अतिरिक्त मदद भी देती है।


अंगदान को मिलना चाहिए बढ़ावा


इस अवसर पर संस्कार भारती के गढ़वा जिला के संरक्षक डॉ कुलदेव चौधरी ने बताया कि अंगदान को लेकर जिले में जागरूकता का खासा आभाव है। जबकि अपने बेटों को किडनी देने वाली दोनों माताओं ने साबित कर दिया है कि एक किडनी दान करके भी स्वास्थ्य रहा जा सकता है। उनका कहना है कि भगवान ने शरीर में शायद दो किडनी इसीलिए बनाई है ताकि ऐसी मुसीबत के समय एक का दान कर किसी की जान बचाई जा सके।


अंगदान की ली शपथ


इस अवसर पर जिले के मशहूर समाजसेवी डॉ पतंजलि केसरी ने कला मंच के प्रयास की सराहना करते हुए मरणोपरांत खुद के अंगदान की शपथ ली। वहीं जिले के पहले किडनी ट्रांसप्लांट करवाने वाले कृत्यानंद की पत्नी ने भी खुद को अंगदान के लिए प्रस्तुत किया।


किडनी देकर मिलती है खुशी


इस अवसर पर अपने पुत्रों को किडनी देकर दूसरा जीवनदान देने वाली पुष्पा देवी एवं चम्पा देवी का कहना है कि किडनी देने से उन्हें कोई परेशानी नहीं हुई, बल्कि बेटे का जीवन बचाने की अत्यधिक खुशी मिलती है। उन्हें भविष्य में भी अगर ऐसा कोई मौका मिलेगा तो वे पीछे नहीं हटेंगी। 

                   इस अवसर पर संस्कार भारती के गढ़वा जिला के लोक कला संयोजक अरविंद तिवारी और गढ़वा के मशहूर अभिनेता दिव्य प्रकाश शुक्ला ने अपनी-अपनी कला के माध्यम से दोनों माताओं के प्रति अपना सम्मान प्रकट किया।


ये भी रहे उपस्थित


कार्यक्रम में रेड क्रॉस सोसायटी के गढ़वा जिले के प्रमुख डॉ. मुरली प्रसाद गुप्ता, मशहूर समाजसेवी दया शंकर गुप्ता, नंद कुमार, संस्कार भारती के रंका इकाई के अध्यक्ष धीरज सिंह,रघुवीर प्रसाद,लायन्स क्लब ऑफ गढ़वा ऑसम के अध्यक्ष सरोज कुमार सिंह ,राजमणि प्रसाद,डॉ विशाल मिश्र,लियो डिस्ट्रिक्ट प्रेसीडेंट अनूप ठाकुर,सुमन लता,,प्रकाश कुमार, कला मंच के अधिकारी विकास कुमार भी उपस्थित रहे।

                    गढ़वा जिले में ब्लड डोनेशन को जन आंदोलन बनाने वाले और जिले में किडनी ट्रांसप्लांट करवाने वाले पहले मरीज कृत्या नन्द श्रीवास्तव ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि मैं 21 वर्ष पूर्व ट्रांसप्लांट करा चुका हूँ। मेरी माताजी पुष्पा सिन्हा ने अपनी किडनी दिया था। किडनी दान के उपरांत वह बिल्कुल स्वस्थ व अच्छी हैं। इससे स्पष्ट है कि किडनी दान के उपरांत भी स्वस्थ जीवन जिया जा सकता है। इस बार पूरे विश्व मे 16 वीं वर्सगाँठ मनाया जा रहा। 2006 में किडनी संबंधी बीमारियों के आंकड़े को बढ़ते देख विश्व किडनी दिवस की शुरआत इंटरनेशनल सोसाइटी  ऑफ नेफ्रोलॉजी एवं इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ किडनी फाउंडेशन की संयुक्त पहल से हुई। यह प्रत्येक वर्ष के मार्च महीने के दूसरे गुरुवार को मनाया जाता है। किडनी दिवस का मुख्य उद्देश्य है... गुर्दे से जुड़ी बीमारियों और इससे जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं का निदान, किडनी रोगों का पता लगाने के लिये जांच को प्रोत्साहन देना, गुर्दा दान करने के लिए प्रोत्साहित करना। यह हरके वर्ष अलग थीम पर कार्य कर रही है। इस वर्ष का थीम है Living Well with Kidney Disease (किडनी रोग के साथ अच्छी तरह रहना)।


संस्कार भारती के गढ़वा जिला के प्रमुख शंभू त्रिपाठी ने  "सर्वे भवंतु सुखिनः सर्वे संतु निरामया सर्वे भद्राणि पश्यंतु मा कश्चित् दुख भाग भवेत् ॐ शांति: शांति: शांति:" का पाठ किया।









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