कांडी : मां सतबहिनी झरना तीर्थ पर्यटन स्थल विकास समिति के बैनर तले आम जनों के द्वारा मानस महायज्ञ के आयोजन को लेकर तैयारी पूरी कर ली गई है। शास्त्रोक्त विधि से यज्ञ मंडप का निर्माण कर लिया गया है। इसमें सभी वेदी कौन किस रंग से रंगा जाएगा। कौन खंभा किस रंग से रंगा जाएगा। इसका पूरा ख्याल रखा गया है। यज्ञ मंडप ज्योतिर्विद पंडित मुरलीधर मिश्रा की देखरेख बनाया गया है। रविवार को यज्ञ मंडप के पास कलशों का संकल्प करके यज्ञ आचार्य पंडित श्याम बिहारी वैद्य एवं याज्ञिक पुरोहितों की टोली कलश यात्रा शुरू कराएंगे। कलश यात्री हाथों में धर्म ध्वजा लिए वाजा गाजा के साथ पावन सलिला कोयल एवं काशी सोत नदी के संगम पर पहुंचेंगे। वहां यज्ञाचार्य एवं उनके पुरोहितों द्वारा वरुण देवता के पूजा अर्चना के बाद प्रधान कलश पूजा के बाद सभी कलशों अभिमंत्रित जल से भरवाया जाएगा। कलश यात्रा राम धुन गाते सभी कलशों को लाकर यज्ञ मंडप में स्थापित करेंगे। महाप्रसाद लेकर सभी अपने घर को जाएंगे पहली मार्च को पंचांग पूजन, मंडप प्रवेश, अरणी मंथन एवं अग्नि प्राकट्य के बाद मानस महायज्ञ विधिवत शुरू हो जाएगा। यज्ञ आचार्य एवं याज्ञिक पुरोहितों के द्वारा वैदिक मंत्रोचार के साथ हवन पूजन किया जाएगा। जबकि मानस आचार्य पंडित शुभम पाठक के नेतृत्व में वेद पाठी ब्राह्मणों के द्वारा श्रीरामचरितमानस का पारायण पाठ किया जाएगा। वही भारत के विभिन्न विशिष्ट मंचों से पधारे वक्ताओं के द्वारा 12:00 बजे से शाम 11:00 बजे तक प्रवचन किया जाएगा। इस वर्ष के प्रवचन कर्ताओं में अयोध्या के सिद्ध पीठाधीश्वर महंत श्री श्री 1008 श्री प्रेम शंकर दास, मानस के लोक शैली में विलक्षण प्रस्तोता पंडित विनोद पाठक, झांसी के राजेंद्र आचार्य, आजमगढ़ की सुश्री कुमकुम मिश्रा और वृंदावन की देवी शिखा चतुर्वेदी का नाम शामिल है। महायज्ञ के पूरे कार्यक्रम 9 मार्च तक चलेंगे। जबकि 10 मार्च को महायज्ञ की महा पूर्णाहुति महा भंडारा एवं संत विद्वानों की विदाई के साथ होगी।