बाजार समिति की भूमी को अतिक्रमण कर बाजार समिति के सेड के चारों तरफ अपना भूमि बताकर लोग घर बना लिया है।

 डंडई प्रखंड के जरही बाजार समिति की भूमी को अतिक्रमण कर बाजार समिति के सेड के चारों तरफ अपना भूमि बताकर लोग घर बना लिया है। जिससे आज जरही बाजार समिति के नाम पर मात्र सेड की जमीन ही लोगो को दिखाई देता है। बाजार समिति की भूमि को अतिक्रमण हो जाने से रविवार को लगने वाला जरही सप्ताहिक हॉट बाजार में व्यवसायियों को सड़क के दोनों किनारे पर बाजार लगाना पड़ रहा है। जिससे जरही सप्ताहिक बाजार में हमेशा जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। बताते चलें कि जरही बाजार समिति का निर्माण वर्ष 1965- 66 में 1 एकड़ 68 डिसमिल भूमि पर निर्माण कराया गया था। इसके बाद से आज तक बाजार समिति का मरम्मत कार्य भी नहीं हुआ है। जिससे आज बाजार समिति का सेड काफी जर्जर व जानलेवा साबित हो रहा है। इससे व्यवसायियों में हमेशा सेड गिरने का भय बना हुआ रहता है।

क्या कहते हैं भूमि दाता के वंशज  

बाजार समिति के निर्माण के लिए भूमि दान दाता के वंशज मदन साह, संजय साह, कन्हाई साह, काजू साह, गौरी साह शनिचरी देवी ने बताया कि वर्ष 1965-66 में बाजार समिति के निर्माण के लिए हम लोगों के दादा परदादा अकल साह, गोखुल साह, रामखेलावन साह, सोमर साह, सहदेव साह ने 1 एकड़ 68 डिसमिल जमीन को दान दिया था। लेकिन आज बाजार समिति के नाम पर मात्र 5 से 10 डिसमिल जमीन पर ही जरही बाजार लग रहा है। बाकी सभी बाजार समिति के भूमि को अपना भूमि बता कर घर बना लिया है।अधिकारियों के घोर उदासीनता के कारण ही जरही बाजार समिति की जमीन का अतिक्रमण कर घर बनाया गया है। बाहुबलियों के द्वारा बाजार समिति के चारों तरफ से अपना भूमि बताकर जबरदस्ती कब्जा कर घर बनाया गया है। वहीं बाजार समिति के बने सेड में भी लोग अपना-अपना गुगटी लगा रखा है। जिससे हमेशा जरही सप्ताहिक बाजार दिन जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। बाजार समिति में जगह के अभाव में व्यवसायियों के द्वारा मजबूरन सड़क के दोनों किनारे पर दुकान लगाना पड़ता है। इधर दुकानदारों का कहना है कि सड़क के किनारे दुकान लगाने से हर समय घटना की सम्भावना बनी रहती है। बाजार के दिन बड़ी वाहन के आवागमन होने पर हम लोगो को दुकान को आगे पीछे करना पड़ता है। वहीं स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि कुछ बाहुबली लोग ही उक्त भूमि को अतिक्रमण कर घर बना लिया हैं। जब इसका विरोध किया जाता है तो वे सभी लोग मारपीट करने पर उतारू हो जाते हैं। बाजार समिति की भूमि को अतिक्रमण को लेकर हम सभी ग्रामीणों ने कई बार विभाग को लिखित आवेदन देखकर बाजार समिति की भूमी को अतिक्रमण मुक्त कराने की मांग किया था। लेकिन आज तक बाजार समिति की भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति होते रहा। जिससे आज भी बाजार समिति के बचे कुछ भूमि को कब्जा कर धीरे धीरे जरही गांव निवासी गरीबा साह के द्वारा अपना भूमि बता कर चारदीवारी का निर्माण करा लिया गया।








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