झारखंड मुक्ति मोर्चा जिला कमिटी ने जिलाध्यक्ष तनवीर आलम खान के नेतृत्व में भाजपा कार्यकताओं के द्वारा मुख्यमन्त्री के काफिला पर किए गए हमले के विरोध में भाजपा का पुतला दहन किया। उन्होंने कहा कि भाजपा सत्ता खोने की गम को पचा नहीं पा रही हैं और मुख्यमंत्री की बढ़ती लोकप्रियता से क्षुब्ध होकर उनके काफिले पर हमला किया जो पूरी तरह से अलोकतांत्रिक हैं। यह महज मुख्यमंत्री नहीं बल्कि झारखंड के सवा तीन करोड़ जनता पर हमला हैं। लोकतंत्र में विरोध के कई संवैधानिक तरीके दिए गए हैं लेकिन किसी भी परिस्थिति में गुंडई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। भारतीय जनता पार्टी के नेता और कार्यकर्ता सत्ता हथियाने के लिए बाहुबल एवं दंगा तक का प्रयोग करते हैं जिसे पूरे देश की जनता अब समझने लगी है। झारखंड को बनाने के लिए जिन्होंने लड़ाई लड़ी है वह पुनः झारखंडियत के लिए तीर-कमान उठा सकते हैं और गुंडई करने वालों को सबक सिखाने में सक्षम है। ढिशोम गुरु शिबू सोरेन के एक इशारा पर पूरा झारखंड पुनः आंदोलनकारी रूप ले लेगा। संवैधानिक पद पर बैठे हुए किसी राज्य के मुख्यमंत्री पर हमला करना विकृत मानसिकता का परिचायक है। भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को इसके लिए मुख्यमन्त्री श्री हेमंत सोरेन जी से माफी मांगनी चाहिए। झारखंड मुक्ति मोर्चा इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा करती है तथा ऐसे असामाजिक तत्व को चेतावनी भरे लहजे में कहना चाहती है कि अगर ऐसी घटना की पुनरावृति की गई तो हम चुप नहीं बैठेंगे। एक-एक को चुनकर सबक सिखाएंगे तथा उनकी पार्टी का हश्र पूरा झारखंड देखेगा। मो• खान ने राज्य के डीजीपी एमभी राव से असामाजिक तत्वों को चिन्हित कर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।
मौके पर जिला सचिव मनोज ठाकुर, जिला प्रवक्ता धीरज दुबे, महिला मोर्चा अध्यक्ष अंजली गुप्ता, अल्पसंख्यक मोर्चा अध्यक्ष आलमगीर आलम, युवा मोर्चा अध्यक्ष नितेश सिंह, केंद्रीय समिति सदस्य सूर्यदेव मेहता, निर्मल पासवान, परेश तिवारी, धीरेंद्र चौबे, विधायक प्रतिनिधि असर्फ़ि राम, कंचन साह, दसरथ जैसवाल, राजेश बैठा, अजय ठाकुर, अमित सिंह, आलम आरा, चंदा देवी, अराधना सिंह, नवीन तिवारी, कामेश्वर चौधरी, विजय चौधरी, तबारक हुसैन, उपाध्यक्ष आशीष अग्रवाल, प्रखंड अध्यक्ष फुजैल अहमद, उपाध्यक्ष नीरज तिवारी, वीरेंद्र तिवारी, शीला तिवारी, सीमा सिंह, कार्तिक पाण्डेय।