हिन्दी के साहित्यकार स्व० सतीश चन्द्र झा की 92वीं जयंती पर विचार गोष्ठी कवि सम्मेलन एवं सम्मान समारोह कार्यक्रम

 शहीद परमानंद चौधरी की शहादत हमारे लिए सदैव अविस्मरणीय रहेगी,

हिन्दी के साहित्यकार स्व० सतीश चन्द्र झा की 92वीं जयंती पर क्वार्टर पाड़ा, दुमका में आयोजित विचार

गोष्ठी कवि सम्मेलन एवं सम्मान समारोह के दौरान कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री बादल पत्रलेख, माननीय

मंत्री कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग, झारखण्ड सरकार ने अपने उद्गार व्यक्त करते हुए साहित्यिक

गतिविधियों को पुर्नजीवित करने में मंच के प्रयासों की भूरी-भूरी प्रशंसा की। उन्होंने ऐसी साहित्यिक

गतिविधियों की महत्ता को बताते हुए कहा कि ऐसी गतिविधियाँ हमें सांस्कृतिक रूप से एक दूसरे के और

करीब लाती है और जिससे सामाजिक रिश्तों में दृढता आती है। कार्यक्रम का उद्घाटन स्व सतीश बाबू

की धर्मपत्नी आदरणीया चम्पा देवी और प्रबुद्ध जनों द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।

सतीश बाबू के तृतीय सुपुत्र आशीष कुमार झा ने अपने स्वागत संबोधन में सतीश स्मृति मंच के अब तक के

क्रियाकलापों की चर्चा की। दुमका के पूर्व साहित्यकारों को स्मृत किया जिनकी अथक सेवा और साधना की

वजह से दुमका का साहित्यिक बाग आज भी फल-फूल रहा है। उन्होंने युवाओं के मंच के साथ जुड़ाव पर

संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि दुमका की सांस्कृतिक विरासत की उत्कृष्टता अभी आगे और निखरेगी।

दूसरा सत्र जो सम्मान समारोह और कवि सम्मेलन का था के दौरान सर्वप्रथम महाविद्यालय स्तरीय

छात्र-छात्राओं के मध्य संताल परगना महाविद्यालय में आयोजित भाषण प्रतियोगिता के प्रतिभागियों को

पुरस्कृत व सम्मानित किया गया। इस अवसर पर प्रो० (डॉ०) सोनाझरिया मिंज, कुलपति, सिदो कान्हू मुर्मू

विश्वविद्यालय, दुमका ने अपने उद्गार व्यक्त करते हुए मंच के इस प्रकार की गतिविधियों की भूरी-भूरी

प्रशंसा करते हुए इस प्रकार के कार्यक्रमों की सतत निरंतरता की आवश्यकता बताई। सतीश स्मृति मंध को

साहित्यिक सेवा मंच कह कर उन्होंने संबोधित किया और यह बताया कि जिस प्रकार से यह मंध विभिन्न

भाषाओं. साहित्य की विभिन्न विधाओं विभिन्न उस वर्गा के लोगोंको स्थान दे रहा है. प्रोत्साहित कर रहा है

निश्चित ही यह दुमका के साहित्यिक और सांस्कृतिक भूमि को उर्वरक बनाये रखने में सदैव सहायक रहेगी।

डॉ0 मनोज कुमार पाण्डेय, भागलपुर बिहार को उनके शोध प्रबंध 'महाकवि सुमन सुरोः व्यक्तित्व आरो

कृतित्व के लिए सतीश स्मृति सम्मान 2021 से सम्मानित किया गया। डॉ० पाण्डेय को पुरस्कृत करते हुए

कुलपति महोदया ने उनसे आगे भी इस प्रकार के लेखन कार्यों में संलग्न रहने की अपील की।

कार्यक्रम में उस समय सब की आंखे नम हो गई जब कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री बादल पत्रलेख, माननीय

मंत्री, कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग, झारखण्ड सरकार के द्वारा शहीद परमानंद चौधरी, आरक्षी 749,

झारखण्ड जगुआर, की धर्मपत्नी वीर नारी रूबी कुमारी को वीर सम्मान प्रदान किया गया ।विदित हो

ग्राम-कुरुपाचक, रघुनाथगंज, पो०-दुमका, जिला-दुमका के निवासी परमानंद चौधरी ने 26.08.2018 को

झारखण्ड के गढ़वा जिले अंतर्गत भंडरिया थाना क्षेत्र में माओवादियों के विरुद्ध चलाये जा रहे अभियान के

दौरान अपनी शहादत दी थी। आदरणीय वीर नारी को सम्मानित करने के उपरांत श्री बादल ने शहीदों के

प्रति सामाजिक दायित्व की चर्चा करते हुए इनकी कुर्यानियों को अमूल्य बताया और कहा कि भारत की भूमि

वीरों की भूमि है जिन्होंने देश के लिए शहादत दी है हम उन्हें सदैव स्मृत रखें। इनके परिवार इनके परिजन

सदैव हमारे लिए पूजनीय है। हम सबों का यह दायित्व होता है हम इन परिवारों को सदैव अपना समझे

और अपने सम्मान से इनके जीवन में कभी रिक्तता नहीं आने दे। श्री बादल के द्वारा डॉ0 हनीफ को हिन्दी

साहित्य की निरंतर सेवा के लिए सतीश स्मृति विशेष सम्मान 2021 एवं श्री कनक लाल चौधरी को हिन्दी

एवं अंगिका भाषा सहित्य में उनकी सुदीर्घ साहित्य-साधना के लिए सतीश स्मृति विशेष सम्मान 2021 से

सम्मानित किया गया।










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