प. दिनेश कुमार मिश्र के निधन पर सतबहिनी विकास समिति ने किया शोक सभा का आयोजन-----रिपोर्ट : ब्रजेश कुमार पांडेय

 गढ़वा/कांडी : भारत के तमाम बड़े मंचों पर मानस की पताका फहराने वाले श्रीराम कथा के विलक्षण प्रस्तोता मानस दिनकर पं. दिनेश कुमार मिश्र जौनपुर नहीं रहे। मानस मंच पर श्रीराम कथा कहकर नीचे उतरते ही हृदयाघात से वे ब्रह्मलीन हो गए। सतबहिनी झरना तीर्थ के विशिष्ट मंच से भी उन्होंने दर्जनों बार श्रीराम कथा कहकर इस मंच को गौरवान्वित किया था। उनके इस तरह अचानक महाप्रयाण की खबर सुनते ही मां सतबहिनी झरना तीर्थ एवं पर्यटन स्थल विकास समिति के तमाम अधिकारी, सदस्य एवं आम जन एकबारगी मर्माहत हो गए। लोगों ने कहा कि उनकी जिह्वा पर साक्षात सरस्वती विराजमान रहती थीं।

उनका उद्बोधन सुनकर लिखने वाले भारी असमंजस में पड़ जाया करते थे कि कौन से शब्द लिखुं कौन छोड़ूं। बिना साज व संगीत के हजारों लोग जिन्हें पिन ड्रॉप साइलेंस में घंटा भर एकाग्रचित्त होकर सुना करते थे। उनका स्वर्ग सिधार जाना इस भारतभूमि की अपूरणीय क्षति है। उनके निधन को लेकर रविवार को मां सतबहिनी झरना तीर्थ एवं पर्यटनस्थल विकास समिति ने एक शोक सभा आयोजित कर दो मिनट का मौन रखकर ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति व परिजनों तथा मानस जगत को इस अपार दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की। वक्ताओं ने उनके व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डाला। इस मौके पर समिति के अध्यक्ष नरेश सिंह, सचिव पं. मुरलीधर मिश्र, गोरखनाथ सिंह, शिव भजन मिस्त्री, पारसनाथ सिंह, शंभू शाह, सुखदेव साह, हरी गंगा दास, संत हरिदास, रामदास दुबे, विश्वनाथ साह, रघुनंदन राम, कामेश्वर बैठा, देवी दयाल राम, दिलीप कुमार पांडेय, राम ध्यान साव सहित कई लोग उपस्थित थे।







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