आज निदेशक डीआरडीए, श्री ओनिल क्लिमेंट ओड़िया की अध्यक्षता में डीएलसीसी/डीएलआरसी की त्रैमासिक बैठक (सितंबर 2020, तिमाही) समाहरणालय के सभाकक्ष में संपन्न हुई।
समीक्षा के क्रम डीडीएम नाबार्ड व एलडीएम गढ़वा ने जिले के विभिन्न बैंकों के प्रबंधक/प्रतिनिधि को मुख्य रूप से पीएम किसान के सभी लाभुकों को केसीसी ऋण स-समय उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि 15 दिसंबर से पहले मैपिंग करते हुए ऐसे सभी पीएम किसान के लाभुकों की पहचान करें जिनको अब तक केसीसी का लाभ नहीं दिया गया है। बैठक में बताया गया कि दिनांक 24 नवंबर 2020 तक प्राप्त आंकड़ों के आधार पर विभिन्न बैंकों में पीएम किसान के 3054 आवेदन लंबित है जिन्हें सैंक्शन किया जाना है। यद्यपि बैंकों द्वारा केसीसी लोन सैंक्शन किया जा रहा है किंतु इसमें अपेक्षित गति दृष्टिगत नहीं है ऐसे में इसमें तेजी लाने का निर्देश बैंक कर्मियों को दिया गया। इसके अलावा एलडीएम ने सभी बैंकों को लंबित आवेदनों को यथाशीघ्र निष्पादित करते हुए एलडीएम कार्यालय को प्रत्येक सप्ताह मंगलवार को वस्तुस्थिति से अवगत कराते रहने का निर्देश दिया साथ ही उन्होंने कहा कि सभी आवेदनों की विस्तृत जानकारी पीएमएफबीवाई (PMFBY) पोर्टल पर अवश्य अपडेट करना सुनिश्चित करेंगे।
बैठक में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) की समीक्षा करते हुए बताया गया कि सभी बैंकों को भौतिक एवं वित्तीय लक्ष्य आवंटित कर दिया गया है, ऐसे में इस दिशा में शुरुआत से ही प्रयास करते हुए दोनों लक्ष्यों को यथास्थिति प्राप्त करने की बात कही गई। मौके पर सभी बैंक कर्मियों को यह निर्देश दिया गया कि 15 दिसंबर के भीतर पीएमईजीपी का लोन सैंक्शन व डिसबर्समेंट करना सुनिश्चित करें। बैठक में क्रेडिट डिपॉजिट रेशियों पर चर्चा करते हुए बैंकों के प्रतिनिधियों को बताया गया कि जिले का सीडी रेशियों वित्तीय वर्ष 2020- 21 की प्रथम तिमाही की समाप्ति पर 35.42% था जो अब बढ़कर 2020-21 की द्वितीय तिमाही तक 36.98% हो गया है। ऐसे में एलडीएम गढ़वा द्वारा सभी बैंकों खासकर जिनका सीडी रेशियों 40% से कम है उन्हें इस दिशा में योजनाबद्ध तरीके से प्रयास करने का सख्त निर्देश देते हुए दिसंबर तिमाही में इसमें सुधार करने की बात कही गई।
वहीं वार्षिक साख योजना 2020-21 की उपलब्धि की समीक्षा के क्रम में बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2020- 21 की द्वितीय तिमाही माह सितंबर 2020 तक वार्षिक साख योजना अंतर्गत जिले के सभी बैंकों का कुल कृषि साख वित्तीय वर्ष 2020-21 के द्वितीय तिमाही में 53.49% है; यह राष्ट्रीय मानक 18% से अधिक है। बैंकों द्वारा कृषि के क्षेत्र में शत-प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त करने के लिए इसी प्रकार प्रयास करने की आवश्यकता है। एमएसएमई में लक्ष्य की तुलना में उपलब्धि मात्र 33.99% है, जिस में सुधार करने का निर्देश उपस्थित बैंक कर्मियों को दिया गया। बैठक में सभी बैंकों को निर्देश दिया गया कि सर्टिफिकेट केस की अधतन स्थिति से एलडीएम ऑफिस को प्रत्येक तिमाही अवगत कराना सुनिश्चित करेंगे। इसके अलावा केसीसी सैच्यूरेशन ड्राइव के संदर्भ में चर्चा करते हुए बताया गया कि गढ़वा जिला को वित्तीय वर्ष 2020- 21 के लिए भौतिक लक्ष्य 44,136 एवं वित्तीय लक्ष्य 22062.44 लाख निर्धारित किया गया था, वित्तीय लक्ष्य के विरुद्ध बैंकों द्वारा 84.30% की उपलब्धि हासिल की है जो सराहनीय है। मौके पर नाबार्ड द्वारा जिले के लिए बनाई गई वर्ष 2021- 22 के संभाव्यता युक्त ऋण योजना व वर्ष 2020- 2025 तक के लिए क्षेत्र विकास योजना यथा डेयरी, गोटरी, फिशरी का लोकार्पण डीडीएम नाबार्ड के सौजन्य से निदेशक डीआरडीए समेत अन्य उपस्थित पदाधिकारियों द्वारा किया गया।
उक्त बैठक में निदेशक डीआरडीए अनिल क्लिमेंट ओड़िया, डीडीएम नाबार्ड लक्ष्मण कुमार, जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक गढ़वा इंदू भूषण लाल, एजीएम रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया, जिला कृषि पदाधिकारी गढ़वा लक्ष्मण उरांव, जिला मत्स्य पदाधिकारी गढ़वा दिव्या गुलाब बा, डीपीएम जेएसएलपीएस, जिले के विभिन्न बैंकों से आए बैंक प्रबंधक व उनके प्रतिनिधि समेत अन्य उपस्थित थे।