मील का पत्थर साबित होगा नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय का वर्चुअल क्लासरूमः कुलपति

 वर्चुअल क्लासरूम का करें अधिकाधिक उपयोग


नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय में नवनिर्मित वर्चुअल क्लासरूम का उद्घाटन


गढ़वा स्थित श्री सद्गुरु जगजीत सिंह नामधारी महाविद्यालय से हुआ वर्चुअल क्लासरूम का उद्घाटन

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नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय में वर्चुअल क्लासरूम का उद्घाटन गौरव की बात है। यह क्लासरूम विश्वविद्यालय के लिए मील का पत्थर साबित होगा। इससे शिक्षकों की कमी के कारण उच्च शिक्षा पर पड़ रहे दुष्प्रभाव को कम करने में सहूलियत होगी। साथ ही विद्यार्थियों को तकनीक आधारित शिक्षा का माहौल मिलेगा। इससे शिक्षण कार्य में काफी लाभ होगा। इस क्लासरूम से विद्यार्थियों एवं इस क्षेत्र का उन्नयन होगा। यह बातें नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ.राम लखन सिंह ने कही। वे आज नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय में नवनिर्मित वर्चुअल क्लासरूम के उद्घाटन के मौके पर बोल रहे थे। इसकी शुरुआत गढ़वा स्थित श्री सद्गुरु जगजीत सिंह नामधारी महाविद्यालय से हुई। जबकि नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय के सभी अंगिभूत महाविद्यालय मेदिनीनगर के गणेश लाल अग्रवाल महाविद्यालय, जनता शिवरात्रि महाविद्यालय, योग सिंह नामधारी महिला महाविद्यालय नवनिर्मित वर्चुअल क्लासरूम से ऑनलाइन जुड़े थे। 


कुलपति प्रो. डॉ. राम लखन सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय के लिए आज हर्ष एवं गौरव का दिन है। COVID-19 संक्रमणकाल में वर्चुअल क्लास/ऑनलाइन क्लास जरूरी समझा गया।  इसका जितना उपयोग एवं प्रचार-प्रसार करेंगे, उतना ही बेहतर होगा। कुलपति ने शिक्षक एवं विद्यार्थियों को इसका अधिकतम प्रयोग करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि यह बहुत बढ़िया सुविधा है। यूजी, पीजी, पीएचडी के सभी विद्यार्थी एवं शिक्षक वर्चुअल क्लासरूम का अधिकाधिक उपयोग करें। इसका जितना प्रयोग करेंगे, उतना ही अधिक लाभ होगा। विश्वविद्यालय परिवार शैक्षणिक स्तर को बेहतर बनाने का पूरा प्रयास कर रही है। थोड़ी तकनीकी कठिनाइयों के  बावजूद बेहतर करने की कोशिश जारी है। उन्होंने वर्चुअल क्लासरूम तैयार करने वाले रांची के अशोक नगर के वनांचल आईटी सर्विसेज प्रा.लि. को धन्यवाद देते हुए कहा कि कंपनी ने करोना काल में इस प्रोजेक्ट को तैयार कर विश्वविद्यालय के लिए बेहतर कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि इसकी सार्थकता शिक्षकों द्वारा अधिकतम क्लास लेने एवं विद्यार्थियों को क्लास करने में ही होगी। 


कुलपति ने कहा कि वे विश्वविद्यालय को नई ऊंचाइयों पर ले जाना चाहते हैं। शिक्षक-शिक्षकेतर कर्मचारियों के कल्याण, क्षेत्र का विकास एवं विद्यार्थियों में शैक्षणिक माहौल बनाने का कार्य हो रहा है। उन्होंने अनुशासन एवं मर्यादा पर भी जोर दिया। कहा कि मर्यादा का उल्लंघन नहीं होनी चाहिए। शिक्षक समाज में प्रकाश पुंज के रूप में हैं। जिसे सभी लोग देखते हैं और इनसे प्रेरणा लेते हैं।  उन्होंने चाणक्य, समर्थ गुरु रामदास एवं डॉ. अब्दुल कलाम जैसे महान व्यक्तियों का उदाहरण देते हुए कहा कि समाज को दिशा देने के लिए हमसभी को सतत प्रयास करना चाहिए। शिक्षक को बहुत संयमित रहने की आवश्यकता है। नियमसंगत कार्य इमानदारी पूर्वक से निर्वहन करें।

कुलपति ने सरकार के डिजिटल इंडिया की शुरुआत के दूरदर्शी सोच का परिणाम बताया। 


प्रति कुलपति प्रो. डॉ. दीप नारायण यादव ने कहा कि वर्चुअल क्लासरूम आज की जरूरत है। यह पारंपरिक और आधुनिकता का संयोग है। पारंपरिक के साथ आधुनिकता जरूरी है। डिजिटलाइजेशन के माध्यम से हम एक साथ कई विद्यार्थियों को जोड़ेंगे और उन्हें शिक्षा देने का कार्य करेंगे। उन्होंने इस प्रक्रिया को जोर-शोर से अपनाने की बातें कही। उन्होंने विश्वविद्यालय में गुणात्मक शिक्षा के विकास में ईमानदारी पूर्वक कार्य करने पर बल देते हुए वर्चुअल क्लासरूम को प्रभावी बनाने की बातें कही। 


कुलसचिव डॉ. सत्येंद्र नारायण सिंह ने वर्चुअल क्लासरूम के उद्घाटन पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि इसके माध्यम से विद्यार्थी लाभान्वित होंगे। विश्वविद्यालय का डिजिटलाइजेशन एक बड़ा प्रयास एवं सौगात है। शिक्षकों की कमी को पाटने के लिए सरकार सहित सभी लोग प्रयासरत हैं। इसके माध्यम से शिक्षक इमानदारी पूर्वक क्लास लें,ताकि विद्यार्थी शैक्षणिक स्तर को ऊंचा बना सकें। 


सीसीडीसी डॉ. अरविंद कुमार पांडेय ने कहा कि आवश्यकता आविष्कार की जननी है। वर्चुअल क्लासरूम से शिक्षकों की कमी एवं विद्यार्थियों को क्लास से हट जाने की दूरी को पाटने की कोशिश है। उन्होंने वर्चुअल क्लासरूम की महत्ता एवं ऑनलाइन क्लास की विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए इस व्यवस्था को ढंग से उपयोग करने एवं विवि में शैक्षणिक माहौल बनाने पर जोर दिया। 


वर्चुअल क्लासरूम को वनांचल आईटी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड अशोकनगर, रांची द्वारा तैयार किया गया है। इसके लिए अत्याधुनिक उपकरण लगाए गए हैं। साथ ही इंटरनेट लीज लाइन की व्यवस्था की गई है, ताकि वर्चुअल क्लास को नियमित रूप से संचालित किया जा सके। इस वर्चुअल क्लासरूम से अलग-अलग क्षेत्र से विद्यार्थी ऑनलाइन जुड़कर शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे। वहीं शिक्षक ऑनलाइन माध्यम से शिक्षा देंगे। 


वनांचल आईटी सर्विसेज प्रा.लि के निदेशक अशोक कुमार ने कहा झारखंड के उद्घमी होने के नाते मुझे गर्व है कि मेरी टीम के प्रयास से राज्य में पहला वर्चुअल क्लासरूम तैयार किया गया है, जो तकनीक आधारित शिक्षा के क्षेत्र में एक उदाहरण के रूप में आज प्रस्तुत है।  


उद्घाटन के मौके पर नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. राम लखन सिंह, प्रति कुलपति प्रो. डॉ. दीप नारायण यादव, श्री सद्गुरु जगजीत सिंह नामधारी महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉ. अखिलानंद पांडेय उपस्थित थे। वहीं गणेश लाल अग्रवाल महाविद्यालय के प्रचारी प्रचार्य डॉ. आई.जे खलखो, जनता शिवरात्रि महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. आरपी सिंह एवं योध सिंह नामधारी महिला महाविद्यालय की प्रभारी प्राचार्य डॉ. मोहिनी गुप्ता ऑनलाइन माध्यम से उपस्थित होकर कार्यक्रम को संबोधित किया। मौके पर नीलांबर-पीतांबर  विश्वविद्यालय एवं विश्वविद्यालय के सभी अंगिभूत महाविद्यालय के शिक्षक, शिक्षकेतर कर्मचारी एवं विद्यार्थी तथा वनांचल आईटी सर्विसेज प्रा.लि. के निदेशक अशोक कुमार एवं उनके तकनीकी सहयोगी-कर्मी रियल एवं ऑनलाइन माध्यम से उपस्थित थे। 








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