सगमा: मकरी के जंगल में मिला नवजात, मां की ममता फिर हुई शर्मसार — मासूम को देखने उमड़ी भीड़
रामानंद प्रजापति की रिपोर्ट
गढ़वा ज़िले के सगमा प्रखंड के मकरी गांव से एक बार फिर दिल को झकझोर देने वाली घटना सामने आई है। मां की ममता को शर्मसार करने वाला यह दृश्य तब सामने आया, जब एक मासूम को निर्दयता से यूके लिप्टस के जंगल की झाड़ियों में छोड़ दिया गया।
रविवार सुबह करीब 8 बजे गांव के चंदन बैठा शौच के लिए जंगल की ओर गए थे। तभी झाड़ियों से मासूम के रोने की किलकारी सुनाई दी। डरते-डरते जब वे पास पहुंचे, तो देखा कि एक नवजात बच्चा वहां अकेला पड़ा है। दृश्य देखकर उनका दिल दहल उठा। उन्होंने तुरंत पंचायत के मुखिया इंद्रजीत कुशवाहा को सूचना दी।
मुखिया के निर्देश पर मासूम को उनके घर लाया गया। कुछ ही देर में यह खबर पूरे गांव में फैल गई और मुखिया के दरवाजे पर मासूम की एक झलक पाने के लिए भारी भीड़ उमड़ पड़ी। मुखिया ने मामले की सूचना धुरकी थाने को दी। एएसआई सुनील कुमार मौके पर पहुंचे और वस्तुस्थिति का जायजा लेने के बाद लिखित रूप से बच्चे की देखरेख की जिम्मेदारी मुखिया को सौंपी।
फिलहाल करीब 2 किलो 100 ग्राम वजन वाला यह बालक पूरी तरह स्वस्थ है और मुखिया के घर में सुरक्षित है। इधर, मासूम को गोद लेने की इच्छा रखने वालों की लंबी कतार लग चुकी है।
यह घटना जहां एक ओर मानवता और दया का परिचय देने वालों की मिसाल पेश करती है, वहीं दूसरी ओर यह सवाल छोड़ जाती है — आखिर वह कौन सी मजबूरी थी, जिसने एक मां को अपनी गोद का चांद यूं जंगल की झाड़ियों में छोड़ने पर मजबूर कर दिया? मासूम की मासूमियत और उसके नन्हे हाथ मानो पुकार रहे हों — "मां, मैं तो तेरी ममता का हकदार था…"।