झाँसी की रानी का व्यक्तित्व सभी नारियों के लिए अनुकरणीय : नीरज श्रीधर स्वर्गीय

 प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम अर्थात अट्ठारह सौ सत्तावन की अमर वीरांगना झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई की जयंती पंडित हर्ष द्विवेदी कला मंच नवादा,गढ़वा के तत्वावधान में मंच के कार्यालय में मनाया गया। इस अवसर पर सर्वप्रथम झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर पुष्प अर्पित किया गया।      

                 झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कला मंच के श्याम नारायण पांडेय ने कहा कि झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई ने अपने कृत्य से हम सबकी मातृभूमि भारत माता के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर जो आदर्श प्रस्तुत किया है उसके हम सदैव ऋणी रहेंगे। 

                 कला मंच के दिव्य प्रकाश शुक्ला ने कहा कि झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के जीवन से जुड़ा एक एक प्रसंग सभी को ऐसी प्रेरणा देता है कि जिससे उनके अंदर असीम राष्ट्रभक्ति और ऊर्जा का संचार होता है।   

                  पंडित हर्ष द्विवेदी कला मंच के निदेशक नीरज श्रीधर स्वर्गीय ने कहा कि झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई ने अपने कृत्य से यह सिद्ध कर दिया है कि नारी अबला नहीं सबला होती है। उन्होंने जिस प्रकार अपनी वीरता के प्रदर्शन से ब्रिटिश हुकूमत की चूलें हिला दी थीं वह अद्वितीय है।झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई का जीवन एवं कृत्य समस्त नारियों के लिए अनुकरणीय एवं वंदनीय है। 

                   इस अवसर पर राजीव रंजन भारद्वाज, नितिन आचार्य, कुमार गौरव गर्ग, विराट राज ,रक्षित भारद्वाज आदि ने भी अपनी श्रद्धा प्रकट की।




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