जी हाँ....! वही लक्ष्य जिसने बचपन से ही रक्तदान को करीबी से देखा है तथा शुरू से ही मन मे रक्तदान के प्रति जुनून थी। लक्ष्य झारखण्ड के ब्लड सह कॉर्डिनेटर सह लायंस जिला 322A के रक्तदान जागरूकता अभियान के ब्रांड एम्बेसडर, इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी , केअर इंडिया सोसाइटी व अन्य स्वयंसेवी संस्था में अग्रणी कृत्या नन्द श्रीवास्तव का भतीजा है। लक्ष्य बहुत छोटे से ही रक्तदान देखते आया है। लक्ष्य के माता-पिता, चाचू, चाची छोटी माँ, मामा, काका काकी, तथा घर में रह रहे सभी संबंधी को रक्तदान करते देखा है। लक्ष्य ने 13 वर्ष पूरे होने पर जन्मदिन पर केक न काटकर व गिफ्ट न लेकर बल्कि रक्तदान शिविर लगाकर सभी संबंधियों को आग्रह कर रक्तदान कराए थे। लक्ष्य के मन मे शुरू से ही इच्छा थी कि स्वयं 18 वर्ष पूरा होगा तो जरूर रक्तदान करेगा।
लक्ष्य श्रीवास्तव गढ़वा में तीसरी कक्षा से 7 वीं तक आर के पब्लिक स्कूल में पढ़ा उसके बाद बैंगलोर में पढ़ाई कर रहा है, वह अभी प्लस टू में है।
लक्ष्य का 30 अक्टूबर 2020 को 18 वर्ष पूरे होंगे। वह अभी से रक्तदान की तैयारी में लगा है। वह स्वयं रक्तदान करेगा, माता पिता निहारिका व नित्या भी रक्तदान करेंगे, उसकी दीदी अलमान्या भी पहली बार रक्तदान करेगी, काकी निरूपमा भी रक्तदान करेंगी। अपने दोस्तों को भी रक्तदान के लिए प्रेरित किया है, लक्ष्य का जुनून देखिये जिस दोस्त का 18 वर्ष पूरी नही हुई है तो उस दोस्त के मम्मी पापा को रक्तदान के लिए प्रेरित का आमंत्रित किया है। यहाँ तक कि पड़ोसियों व पारिवारिक मित्र मंडली को भी आमंत्रित है।
बैंगलोर के ब्लड कॉर्डिनेटर चंद्रकांता आचार्य भी इस शिविर में अपना SDP डोनेशन करेंगे।
लक्ष्य ने बताया बचपन से जब भी किसी को रक्तदान करते देखता था तो मन ही मन संकल्प किया था कि मैं भी 18 वर्ष का होऊंगा तो स्वयं रक्तदान करूंगा वह भी SDP (सिंगल डोनर प्लेटलेट) के डोनेशन के साथ शुरुआत करूंगा पर बैंगलोर के ब्लड कॉर्डिनेटर चंद्रकांता आचार्या अंकल ने होल ब्लड डोनेशन की सलाह दी। मैं बर्थ डे पर केक काटने के पक्ष में नही हूँ। मैं चाहता हूँ पढ़ाई के साथ समाज के लिए कुछ करूँ। रक्तदान कर छोटी सी पहल शुरू करूंगा। मेरे घर मे रक्तदान के लिए सभी आदर्श हैं। पर सबसे ज्यादा मैं अपनी दादी से प्रभावित हूँ जिन्होंने 21 वर्ष पहले अपना ऑर्गन डोनेशन (किडनी का दान) की हैं तथा आज भी दादी स्वस्थ हैं। मैं अपनी दादी को बारम्बार नमन करता हूँ। हमारे घर के सभी लोग 12-13 वर्ष पहले आई डोनेशन कर चुके हैं, हो सका तो आगे चलकर मैं इस मुहिम का हिस्सा बनूंगा।
कृत्या नन्द श्रीवास्तव ने कहा मुझे बहुत खुशी हो रही है जिस मुहिम को मैंने गढ़वा जैसे छोटे जिला से रक्तदान की शुरुआत की और इसका दायरा बढ़कर झारखण्ड में रक्तदान की जागरूकता को बढ़ावा दिया। और आज हमारा बेटा भतीजा लक्ष्य श्रीवास्तव इस मुहिम को बढ़कर बैंगलोर (कर्नाटक) जैसे बड़े शहर में कर रहा रहा। जहाँ बहुतों ब्लड की आवश्यकता है। इस मुहिम के खास हिस्सा बैंगलोर के ब्लड कॉर्डिनेटर चंद्रकांता आचार्य जी हैं जो इस रक्तदान शिविर में मुख्य रूप से सहयोग कर रहे हैं। उन्हें विशेष रूप से धन्यवाद व आभार-
लक्ष्य