ग्रामीण परिवारों को रोजगार उपलब्ध कराने एवं पोषण की आवश्यकता को पूर्ण करने हेतु मनरेगा अंतर्गत "दीदी वाड़ी योजना" का किया गया क्रियान्वयन

 माननीय मंत्री पेयजल एवं स्वच्छता विभाग श्री मिथिलेश ठाकुर के द्वारा मेराल प्रखंड के गोंडा ग्राम के टोला ढूंद्रही ही में राज्य सरकार की महती दीदी बाड़ी योजना का शुभारंभ किया गया। माननीय मंत्री ने मौके पर बताया कि दीदी बाड़ी योजना के निमित्त घर के पास की जमीन पर पोषण सब्जियों एवं फलों की खेती को प्रोत्साहन देना जिससे राज्य में कुपोषण मुक्त हो। मनरेगा अंतर्गत रोजगार उपलब्ध कराने एवं आजीविका वर्धन हेतु संचालित योजनाओं के साथ-साथ ग्रामीणों के आर्थिक एवं परिवारों के पोषण की आवश्यकता को पूर्ण करने हेतु नवाचार के तहत राज्य आजीविका मिशन(जेएसएलपीएस) के सहयोग से "दीदी वाड़ी योजना" को क्रियान्वित करने का निर्णय लिया गया, जिसके तहत ग्रामीण अपने घर के आसपास की जमीन में अपने परिवार के पोषण की आवश्यकता के अनुसार 01 डेसीमल, 02 डेसीमल, 03 डेसीमल तथा 05 डेसीमल की भूमि पर तथा इसके साथ-साथ वैसे ग्रामीण परिवार जो भूमिहीन हैं, वैसे ग्रामीण भी 02 से 05 लोगों के समूह में सार्वजनिक जमीन पर ग्राम सभा के अनुमति से योजना को क्रियान्वित कर सकते हैं।


योजना के बेहतर क्रियान्वयन हेतु लाभुकों का बेहतर तरीके से चयन कर उनको पोषण के बारे में निरंतर प्रशिक्षण दिया जाएगा एवं योजना का क्रियान्वयन यथासंभव संतृप्ति दृष्टिकोण के साथ उन प्रखंडों/पंचायतों/गांवों से प्रारंभ किया जाएगा जहां डे-एनआरएलएम (DAY-NRLM) योजना अंतर्गत सखी मंडल/ग्राम संगठन/संकुल संगठन शुरू से बेहतर रूप में कार्य कर रही है।


★ लाभुकों का चयन

इस योजना में लाभुक का चयन राज्य आजीविका मिशन के सखी मंडल/ग्राम संगठन के माध्यम से किया जाएगा तथा मनरेगा के तय गाइडलाइन के अनुरूप चिन्हित श्रेणी के परिवारों को दिया जा सकता है यथा अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/गैर अनुसूचित जनजातियां/गरीबी रेखा के नीचे का परिवार/महिला प्रधान वाला परिवार/शारीरिक रूप से विकलांग प्रधान वाला परिवार/पीएमएवाई का लाभार्थी/अनुसूचित जनजाति तथा अन्य पारंपरिक वनवासी अधिनियम 2006 (2007 का 02) का लाभार्थी/लघु एवं सीमांत किसान इत्यादि।


● योजना का क्रियान्वयन मनरेगा अंतर्गत अपनी जमीन पर करना चाहते हैं एवं योजना में स्वयं कार्य करने को इच्छुक हैं एवं लाभुक का अपना जॉब कार्ड हो यदि जॉब कार्ड नहीं है तो इसे बनवाया जा सकता है तथा योजना अंतर्गत अति गरीब परिवारों को वरीयता दी जाएगी।


★ दीदी वाड़ी सखी - चयन एवं मजदूरी भुगतान

दीदी वाड़ी सखी का चयन राज्य आजीविका मिशन के माध्यम से किया जाएगा एवं इनके द्वारा मुख्यता ग्रामीणों व मेट को पोषण के महत्व पर जागरूक करने के साथ-साथ मनरेगा अंतर्गत क्रियान्वित दीदी वाड़ी योजना के कार्यों यथा ले आउट, गड्ढा भराई, जिंदा घेरान, अंतः खेती सुरक्षा-देखभाल, समय-समय पर पौधों की निकाई-गुराई, पौधा की बेसिन का प्रबंधन, सिंचाई,रोग एवं कीट का प्रबंधन, पौधों की कटाई-छटाई आदि में स्वयं कार्य करते हुए तकनीकी सहयोग प्रदान करना और मनरेगा के प्रावधानों के बारे में जानकारी देना, अन्य विभाग के साथ होने वाले अभिसरण की जानकारी एवं योजनाओं को लाभुक/मजदूरों के साथ समन्वय स्थापित कर क्रियान्वित करने के साथ ही लाभुकों को पोषण युक्त खानपान पर क्षमता वर्धन आदि कार्यों में सहयोग किया जाएगा।


● दीदी वाड़ी को कार्य दिवस के आधार पर अकुशल मजदूरी दिया जाएगा एवं इनका भी अकुशल श्रमिकों की तरह ही मस्टररोल निर्गत होगा इस हेतु इनका अपना जॉब कार्ड एवं बैंक खाता होना आवश्यक है तथा इनके द्वारा किए गए कार्य को प्रपत्र 1 में भरकर संबंधित पंचायत के पंचायत सचिव/ग्राम रोजगार सेवक व पंचायत के वार्ड सदस्य/मुखिया द्वारा सत्यापित करने के आधार पर प्रखंड/पंचायत द्वारा इनके मानदेय का भुगतान किया जाएगा।


★ प्रशिक्षण

योजना अंतर्गत लाभुक एवं दीदी वाड़ी सखी का प्रशिक्षण जेएसएलपीएस के द्वारा दिया जाएगा तथा प्रशिक्षण की प्रक्रिया को बेहतर रूप से क्रियान्वित करने हेतु जेएसएलपीएस के द्वारा निम्न कार्य किए जाएंगे यथा प्रशिक्षण सामग्री तैयार करना, राज्य स्तरीय प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण, जिला एवं प्रखंड स्तरीय प्रशिक्षक तैयार करना, दीदी वाड़ी सखी का प्रशिक्षण, लाभुक का प्रशिक्षण, मनरेगा कर्मी एवं पंचायत प्रतिनिधियों का उन्मुखीकरण आदि।


योजना के शुभारंभ में माननीय मंत्री पेयजल एवं स्वच्छता विभाग श्री मिथिलेश ठाकुर के अलावे उप विकास आयुक्त श्री सत्येंद्र नारायण उपाध्याय, अंचला अधिकारी मेराल, प्रखंड विकास पदाधिकारी मेराल एवं अन्य लोग उपस्थित थे।




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