मझिआंव -- पुलिस अधीक्षक खोत्रे श्रीकांत सुरेश राव के निर्देशानुसार मझिआंव थाना प्रभारी सुधांशु कुमार के नेतृत्व में आधा दर्जन वाहनों को पकड़कर थाना में जप्त किया गया। कोरोनावायरस को लेकर सोशल डिस्टेंस को अनुपालन करते हुए वाहन में सवारी को बैठाना है लेकिन लोग सोशल डिस्टेंस का अनुपालन नहीं करते हुए पाए जाने पर सभी वाहनों को पकड़ा गया है। वहीं मजदूर से भरा एक बस को भी पकड़ा गया है।
पापी पेट का सवाल को लेकर विभिन्न क्षेत्रों से आए दिन मजदूर अन्य प्रदेशों में पलायन करने को मजबूर हैं। लॉकडाउन के दौरान लगभग 2 माह पूर्व से ही इस क्षेत्र से अभी तक हजारो की संख्या में मजदूरों से भरी दर्जनों बसें विभिन्न राज्यों में जा चुकी है। वहीं बिहार एवं झारखंड प्रदेश के विभिन्न गांवों से लगभग 53 की संख्या में महाराष्ट्र पुणे जा रहे मजदूरों से भरी बस को बीती रात्रि लगभग 9:00 बजे मझिआंव थाना ने गस्ती के दौरान जप्त कर परिसर में खड़ा कर दिया है। इधर मजदूर राजकिशोर साव, शिवनंदन दास, मदन यादव, भीम साव, मोहनदास, विनोद राम, दीपम कुमार, सुखदेव दास, अखिलेश कुमार, महेंद्र यादव, पिंटू कुमार व बाबूलाल सहित सभी मजदूरों ने बताया कि वैश्विक महामारी के कारण हम सभी मजदूरों के परिवारों के समक्ष 2 जून की रोटी के लाले पड़े हैं।जिसके कारण पापी पेट के सवाल को लेकर व मजबूर होकर हम सभी लोग बिहार के डुमरिया गांव सहित झारखंड के अन्य गांव से महाराष्ट्र के पुणे में एससीएल कंपनी में मजदूरी करने के लिए बस में जा रहे थे।इसी बीच मझिआंव थाना ने छत्तीसगढ़ के राजहंस नामक बस क्रमांक CG15 AB-0788 बस को पकड़ लिया।जिसके कारण हम सभी मजदूर नया जगह होने के कारण रातभर इधर-उधर भटकते रहे। साथ ही मजदूरों ने बताया कि हम लोगों के पास रास्ता खर्च के लिए घर से जो रुखा सुखा खाने के लिए बना कर लाए थे, उसी को खाकर किसी प्रकार समय काट रहे हैं, पर अब हम लोग के पास ना खाने के कोई सामान है और ना ही पैसे।इधर मजदूरों से प्राप्त जानकारी के अनुसार पुलिस प्रशासन ने बस में क्षमता से अधिक मजदूरों को बैठाने के आरोप में बस को अपने कब्जे में लेते हुए चालक को लॉकअप में बंद कर दिया है।इधर प्रशासन ने तो बस को अरेस्ट अपना काम कर दिखाया,पर उन भूखे गरीब मजदूरों का क्या?जिसका प्रशासन ने किसी प्रकार कि सुध नहीं ली। इस संबंध में पूछने पर थाना प्रभारी सुधांशु कुमार ने बताया कि मैं ओवरलोड बस पकड़ा हूं।