गढ़वा से विकास कुमार की रिपोर्ट
कॉफी विद एसडीएम" में खाद विक्रेताओं के साथ संवाद
एग्रो बिजनेस से जुड़े व्यवसायियों की सुनी समस्याएं, निर्देश भी दिए
कालाबाजारी और ओवर रेटिंग पर आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत की जाएगी कार्रवाई : एसडीम
अनुज्ञप्ति की शर्तों के अनुरूप ही खाद व्यवसाय का संचालन करें
गढ़वा। सदर एसडीएम संजय कुमार के नियमित संवाद कार्यक्रम "कॉफी विद एसडीएम" में आज क्षेत्र के दर्जनों खाद विक्रेताओं ने भाग लिया। कार्यक्रम का उद्देश्य खाद आपूर्ति, मूल्य नियंत्रण, स्टॉक प्रबंधन तथा किसानों की शिकायतों के समाधान के लिए प्रत्यक्ष संवाद स्थापित करना रहा।
विशेषज्ञ सदस्य के रूप में जिला कृषि पदाधिकारी शिव शंकर प्रसाद भी इस अवसर पर उपस्थित रहे। उन्होंने खाद विक्रेताओं को उर्वरकों की बिक्री, स्टॉक पंजी संधारण, लाइसेंस की शर्तें, और उर्वरक नियंत्रण आदेश (FCO) जैसे कानूनी व तकनीकी पहलुओं की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने विक्रेताओं को सतर्क करते हुए कहा कि किसी प्रकार की अनियमितता पाए जाने पर लाइसेंस निरस्तीकरण सहित कठोर कार्रवाई संभव है।
एसडीएम संजय कुमार ने विक्रेताओं से आग्रह किया कि वे किसानों को निर्धारित दर पर गुणवत्तापूर्ण खाद उपलब्ध कराएं, दुकान के बाहर रेट लिस्ट अनिवार्य रूप से प्रदर्शित करें और स्टॉक की जानकारी नियमित रूप से ऑनलाइन पोर्टल पर अपडेट करें। उन्होंने स्पष्ट किया कि कालाबाज़ारी, ओवररेटिंग या जमाखोरी की शिकायत मिलने पर उनके विरुद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत सख्त कार्रवाई होगी।
कार्यक्रम के दौरान विक्रेताओं ने भी अपनी व्यवहारिक समस्याएं और सुझाव साझा किए, जिसे अधिकारियों ने गंभीरता से सुना और संबंधित विभागों को समाधान हेतु निर्देशित किया।
कार्यक्रम का उद्देश्य प्रशासन और व्यवसायियों के बीच समन्वय स्थापित कर किसानों के हितों की रक्षा करना रहा।
खाद की गुणवत्ता एवं मापदंडों पर जोर – विक्रेताओं को निर्देशित किया गया कि वे केवल प्रमाणित कंपनियों का ही उत्पाद बेचें और किसी भी प्रकार की मिलावट या अमानक उर्वरक की बिक्री से बचें। सभी से अनुरोध किया गया कि वे अपने किसानों को एक्सपायर या दोयम दर्जे के खाद बीजों वाले उत्पादों को सस्ते दर पर भी खरीदने की सलाह न दें।
स्टॉक की जांच और नियमित सत्यापन एसडीएम ने बताया कि कृषि विभाग एवं अंचल की संयुक्त टीम द्वारा नियमित रूप से औचक निरीक्षण किया जाएगा। स्टॉक और बिलों की जांच की जाएगी। इसलिए सभी लोग अपना प्रतिदिन का ओपनिंग और क्लोजिंग स्टॉक संधारित करें।
ऑनलाइन रिपोर्टिंग पर बल जिला कृषि पदाधिकारी ने विक्रेताओं को संबंधित पोर्टल पर समय-समय पर स्टॉक एवं बिक्री की जानकारी दर्ज करने का प्रशिक्षण देने की बात कही। उन्होंने सभी को समझाया कि कैसे पौस मशीन का सही उपयोग कर उक्त जानकारी अद्यतन रख सकते हैं।
ग्राहक शिकायत/सुझाव रजिस्टर रखें एसडीएम संजय कुमार ने खाद विक्रेताओं को निर्देशित किया कि वे अपनी दुकान में एक शिकायत रजिस्टर अनिवार्य रूप से रखें और शिकायतों का समाधान शीघ्र करें। जो शिकायतें उनके स्तर से हल नहीं हो सकती हैं उन्हें वे विभागीय/ वरीय पदाधिकारियों तक अग्रसारित करें।
प्रशिक्षण कार्यक्रम का आश्वासन कृषि पदाधिकारी ने सभी विक्रेताओं को आश्वस्त किया कि विभाग द्वारा आगामी दिनों में लाइसेंस धारकों के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिसमें उर्वरक अधिनियम, ई-गवर्नेंस और गुणवत्ता मानकों की जानकारी दी जाएगी।
सकारात्मक संवाद और समाधान कार्यक्रम संवादात्मक रहा, जहाँ विक्रेताओं ने भी समस्याएँ जैसे समय पर आपूर्ति न होना, ट्रांसपोर्ट लागत, और रिटेल मार्जिन जैसी बातों को अधिकारियों के समक्ष रखा। वहीं एसडीएम ने सभी को विज्ञप्ति की शर्तों के अनुरूप ही दुकानें संचालित करने का निर्देश दिया। साथ ही निर्देशित किया गया कि वे खाद बीज की दुकान में अन्य सामानों की बिक्री न करें। उन्होंने चर्चा की कि पेशका में एक खाद की दुकान में शराब बिक्री की जा रही थी, इसी प्रकार से कई दुकानों में परचून की दुकानें भी चल रही हैं। ऐसा करते हुए पाए जाने पर दुकान निरस्त कर दी जाएगी।
नियमित बैठक की घोषणा एसडीएम ने कहा कि किसानों या कृषि कार्य से जुड़े संबंधित हित धारकों के साथ इस प्रकार के संवादात्मक कार्यक्रम अब नियमित आयोजित किए जाएंगे, ताकि हमारे अन्नदाता किसानों को किसी भी स्तर पर कोई परेशानी ना हो।
मौजूद थे
इस दौरान सोमनाथ महतो,चंदन कुमार साव, दीपक सोनी, दशरथ प्रसाद, राकेश कुमार गुप्ता, पुरुषोत्तम कुमार, रवि प्रकाश सिंह, रंजन कुमार सिंह, राजू कुमार, राजेश प्रसाद गुप्ता, राजेंद्र तिवारी, विकास शेट्टी, कृष्णा प्रसाद कुशवाहा, उदय मेहता, विजय कुमार मेहता, अखिलेश तिवारी, चंदेश्वर मेहता, रूपेश कुमार गुप्ता, दिलीप कुमार, रमाशंकर कुशवाहा, सुधीर कुमार तिवारी, जितेंद्र कुमार, कामेश्वर मेहता, गयासुद्दीन अंसारी, शिवकुमार प्रसाद आदि ने अपने विचार रखे।