एसडीएम की जांच में डीलर द्वारा कम राशन देने की पुष्टि
गढ़वा। अनुमंडल पदाधिकारी ने डंडई प्रखंड के लवाही कला गांव की रानी महिला विकास समिति द्वारा संचालित पीडीएस राशन दुकान की जांच की। उक्त जांच इस गांव के लगभग 50 ग्रामीणों द्वारा हस्ताक्षरित शिकायती पत्र के आलोक में की गई थी। जांच के दौरान पीडीएस दुकान के बाहर किसी प्रकार का साइन बोर्ड, संकेतक, सूची, सारिणी या विवरणी नहीं पाई गई बल्कि वहां पर एक टेंट हाउस का व्यवसाय चलता हुआ मिला। महिला समूह की अध्यक्ष सह पीडीएस दुकान की संचालिका श्री मती श्रद्धा देवी से जब समूह की अन्य सदस्य महिलाओं के नाम पूछे गए तो न तो वे इस संबंध में कोई रजिस्टर दिखा पायीं और न ही सभी महिलाओं के नाम बता पायीं। दरअसल इस राशन दुकान के विरुद्ध ग्रामीणों ने कम राशन देने जैसी कई विसंगतियों को लेकर शिकायत की थी।
जांच के क्रम में मौके पर जो ग्रामीण मिले उसमें से कुछ लोगों ने राशन पूरा मिलने की बात कही किंतु ज्यादातर लोगों ने एसडीओ को बताया कि सभी लोगों को कम मात्रा में राशन दिया जाता है। किताबउद्दीन अंसारी ने बताया कि उनके परिवार में चार सदस्य हैं किंतु उन्हें 18 किलो राशन ही मिलता है यही बात एक अन्य लाभुक सुदामा साव ने भी दोहराई। राधिका देवी बताती हैं कि उनके घर में चार सदस्य हैं और उन्हें 17 किलो चावल मिलता है उनका यह भी आरोप था कि उन्हें तीन चार बार दुकान दौड़ना पड़ता है तब जाकर उनको राशन मिलता है। एक अन्य लाभुक रामसूरत यादव ने बताया कि उनके परिवार में पांच सदस्य हैं उन्हें 22.5 किलो चावल मिलता है जबकि उन्हें 25 किलो राशन मिलना चाहिए। लगभग ऐसी ही प्रतिक्रियाएं अन्य लाभुकों के द्वारा दी गई। अनुमंडल पदाधिकारी ने संबंधित डीलर को कड़ी चेतावनी दी गई की वे ससमय एवं पूरी मात्रा में राशन प्रदान करेंगे। उन्होंने बताया कि जांच प्रतिवेदन संबंधित विभागीय वरीय पदाधिकारीयों को कार्रवाई की अनुशंसा सहित अग्रेषित किया जा रहा है।
उन्होंने अनुमंडल क्षेत्र के सभी राशन डीलरों से अपील की कि वे अपने पोषक क्षेत्र के लाभुकों को न केवल पूरी मात्रा में राशन उपलब्ध करवायें बल्कि नियमित रूप से भी उपलब्ध करवायें। उन्होंने कहा कि पीडीएस दुकानों में घटतोली के मामलों को वे बहुत ही गंभीरता से ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि नागरिकों के राशन में सेंध लगाने का मामला क्षमा की परिधि से बाहर है, ऐसा प्रयास किया जाना न केवल अनैतिक है बल्कि आपराधिक भी है। इस जांच के दौरान बड़ी मात्रा में स्थानीय लोग मौजूद थे।