गढ़वा से विकास कुमार की रिपोर्ट
इलेक्ट्रॉनिक रुप से प्रेषित डाक मतपत्रों के प्रबंधन को लेकर डाक विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक
गढ़वा विधानसभा क्षेत्र में 700 मतदाता ऐसे हैं जिन्हें ऑनलाइन बैलट पेपर भेजा गया है
गढ़वा। इलेक्ट्रॉनिक रुप से प्रेषित डाक मतपत्रों की प्रबंधन प्रणाली (ईटीपीबीएस) को लेकर 80-गढ़वा के निर्वाची पदाधिकारी-सह-अनुमंडल पदाधिकारी संजय कुमार ने डाक विभाग के अधिकारियों व कर्मियों के साथ बैठक की।
बैठक के दौरान निर्वाची पदाधिकारी ने सहायक डाक अधीक्षक तथा उनकी पूरी टीम को विस्तार से बताया कि डाक के माध्यम से आने वाले सर्विस वोटर के मतपत्रों को प्रतिदिन किस समय और रीति के अनुसार निर्वाची कार्यालय में जमा करना है। उल्लेखनीय है कि ईटीपीबीएस प्रणाली के माध्यम से विभिन्न सेवाओं में कार्यरत सर्विस वोटर्स का मत प्राप्त किया जाता है।
यह प्रणाली पात्र सेवा मतदाताओं को अपने निर्वाचन क्षेत्र से बाहर कहीं से भी इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्राप्त डाक मतपत्र का उपयोग करते हुए अपना मत डालने में सक्षम बनाती है। जो मतदाता ऐसा विकल्प चुनते हैं वे निर्वाचन के लिए इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से डाक मतपत्र प्राप्त करने के हकदार होते हैं। मतदाता अपने पोस्टिंग के स्थान पर ही रहकर इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्राप्त डाक मत पत्र पर अपना मत दे सकते है।
कौन होते हैं सर्विस वोटर
सशस्त्र बल के सदस्य, राज्य सरकार के सशस्त्र पुलिस में कार्यरत अथवा राज्य से बाहर सेवारत, भारत सरकार में कार्यरत लेकिन भारत से बाहर पोस्टिंग वाले कर्मचारियों को सर्विस वोटर कहा जाता है।
गढ़वा विधानसभा में पंजीकृत 700 सर्विस वोटर
निर्वाची पदाधिकारी श्री कुमार ने बताया कि गढ़वा विधानसभा अंतर्गत सर्विस वोटर्स की संख्या 700 है। इन सभी लोगों को ऑनलाइन माध्यम से बैलट पेपर भेज दिया गया है, ये लोग अपनी नौकरी के स्थान पर ही रहकर वहां से अपना मत देकर डाक के माध्यम से अनुमंडल कार्यालय गढ़वा के पते पर भेजेंगे। यहां डाकिया के द्वारा प्रतिदिन मिले इन मतपत्रों को अनुमंडल कार्यालय में बने मतपत्र स्ट्रांग रूम में पहुंचाया जायेगा। मतगणना के दिन सबसे पहले सर्विस वोटर के इन मतों की गणना होती है।
बैठक के दौरान सहायक निर्वाची पदाधिकारी सफी आलम, सहायक डाक अधीक्षक सुभाष चंद्र पांडेय, डाक ओवरशियर धीरज तिवारी, डाक ओवरशियर मनोज तिवारी तथा संबंधित पोस्टमैन जयप्रकाश पाल, पंकज तिवारी, प्रशांत मिश्रा आदि मौजूद थे।