फोटो-खेतों में विचरण करते नीलगाय।
साकेत मिश्रा की रिर्पोट
कांडी - प्रखंड क्षेत्र में बारिश नही होने का समस्या क्षेत्र के किसानो को झेलना पड़ रहा है। जिससे किसानो के माथे पर चिंता की लकीरें साफ प्रतीत हो रही हैं। एक ओर क्षेत्र के किसानों को हर वर्ष कम बारिश की मार झेलना पड़ रहा है तो दूसरी ओर यदि किसी तरह अपने निजी सिंचाई के साथन से खेती कर रहे हैं तो उसमें भी नीलगाय व आवारा पशुओं से दिन रात एक कर के फसलों की रखवाली करना पड़ता है। क्षेत्र के सैकड़ो किसान पुरीरात जग कर खेत में लगे फसलों की नीलगाय से रखवाली करते हैं। वर्तमान समय में खेतों में अरहर, तिल, मक्का, मूंगफली व कंही कंही अपने निजी सिंचाई के साधन से कम पैमाने पर धान की रोपाई की गई है। किसान के द्वारा खेतों में फसलों की बुआई तो कर दी गई है पर अब उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती है कि उन फसलों की रखवाली कैसे करें। प्रखंड क्षेत्र के राणाडीह गांव के किसान विजय कुमार पांडेय कहते हैं कि मैंने पाँच एकड़ भूमि में अरहर , तिल तथा कुछ में धान की रोपाई किया है, बारिश नहीं होने पर तो सिंचाई कर किसी तरह फसल को बचा सकते हैं पर नीलगाय से फसलों को कैसे बचाया जाए यह समंझ से परे है।