- कजरू के समदा रामनवमी मैदान में दशमी तिथि को क्षेत्र के 30 गांवों के महावीरी झंडों व झांकी का होता था मिलान
- रात में कई राज्यों के भोजपुरी के प्रख्यात लोक कलाकारों का होता था जुटान, बेसब्री से रहता था संगीत प्रेमियों का इंतजार
- प्रशासन की रवैये से तंग आकर , महासमिति ने जुलूस नहीं निकालने का लिया है निर्णय
विश्रामपुर से शशि तिवारी की रिपोर्ट
जिले के पांडू प्रखंड के 30 गांवों से रामनवमी के जुलूस नहीं निकलने से न सिर्फ वहां के रामभक्तों का धार्मिक भावना आहत हुई है बल्कि यह मुद्दा स्थानीय पुलिस प्रशाशन के लिए चुनौती भी बन गया है। दो दशक से वहां 30 गांवों का जुलूस कजरू कला समदा मैदान में पहुंचता था लेकिन प्रशासन की रवैया से तंग रामभक्तों ने बैठक कर जुलूस नहीं निकालने का निर्णय लेकर सबको हैरानी में डाल दिया है। पांडू श्रीरामनवमी पूजा महासमिति के संस्थापक अध्यक्ष सह भाजपा के वरीय नेता धर्मदेव सिंह यादव के विरुद्ध पुलिस की कार्रवाई से 30 गांव के पूजा कमेटी के रामभक्तों में घोर आक्रोश है। कमेटी के लोगों ने इसके लिए पुलिस प्रशासन पर अध्यक्ष के खिलाफ झूठ मुकदमा में फंसाने के आरोप मढ़ते हुए जुलूस नहीं निकालने का निर्णय लिया है। उनका आरोप है कि महासमिति के अध्यक्ष पर अनावश्यक दबाब बनाने के लिए पुलिस कई मनगढ़ंत व तथ्यहीन मुकदमा किया है। जिससे 30 गांवों के रामभक्तों की भावना आहत हुई है। कजरू के रामनवमी मैदान परिसर में निर्माणाधीन बजरंग बली का विशाल मंदिर परिसर में 30 गांव के पूजा समिति के लोग जुटकर झंडों का मिलान करते हैं। वहीं रात में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाता था। जिसमें कई राज्यों के उम्दा लोक गायक का जमावड़ा होता है। लेकिन इस वर्ष जुलूस नहीं निकलने व भोजपुरी दोगोला गायन मुकाबला नहीं होने से लोगों में घोर उदासी है। क्योंकि कार्यक्रम के लिए क्षेत्र के हजारों संगीत प्रेमी बेसब्री से उस दिन का इंतज़ार करते थे। इसबार जुलूस नहीं निकलने व सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन नहीं होने से क्षेत्र के रामभक्तों में घोर उदासी है।