जर्जर मकान के ध्वस्त हो जाने से उस में सोई हुए तीन लड़कियों की जान बाल-बाल बच गई। kandi

फोटो : ध्वस्त मकान दिखाती पीड़िता कमला देवी।
साकेत मिश्र की रिपोर्ट

कांडी : एक कच्चा एवं जर्जर मकान के ध्वस्त हो जाने से उस में सोई हुए तीन लड़कियों की जान बाल-बाल बच गई। यह घटना शुक्रवार रात की है। कांडी प्रखंड क्षेत्र के शिवपुर पंचायत अंतर्गत तेलिया निजामत गांव निवासी चंद्रिका चौधरी का कच्चा मकान शुक्रवार की आधी रात अचानक ध्वस्त हो गया। उस समय चंद्रिका चौधरी की तीन बेटियां उसी कच्चे कमरे में  सो रही थी। इस हादसे में उनकी जान बाल-बाल बच गई। बेहद गरीब मजदूर चंद्रिका चौधरी को अभी तक इंदिरा आवास या प्रधानमंत्री आवास ग्रामीण का लाभ नहीं मिला। वे अपने परिवार के साथ किसी प्रकार उसी कच्चे मकान में गुजारा कर रहा था। काफी पुराना मकान हाल के वर्षों में बिल्कुल जर्जर हो चुका था। लेकिन लाचारी ऐसी कि उसी मकान में गुजारा करने के लिए यह परिवार मजबूर है। इस परिवार में चंद्रिका चौधरी के अलावे पत्नी कमला देवी एवं बेटी माया, ममता, फुल कुमारी, मंजू, अंजू, चिंता एवं रंजू का नाम शामिल है। कच्चे मकान को ध्वस्त हो जाने के बाद पीड़ित चंद्रिका चौधरी एवं पत्नी कमलादेवी ने शिवपुर पंचायत की मुखिया सोनी देवी से मिलकर अपनी व्यथा कथा बयान की। उन्होंने बरसात के मौसम में रहने का सहारा छिन जाने की विशेष परिस्थिति में उनके लिए कुछ करने की गुहार लगाई। कहां की उसे एक इकाई प्रधानमंत्री आवास ग्रामीण या अंबेडकर आवास का लाभ दे दिया जाए तो उसके बरसात में निराश्रित परिवार पर बहुत बड़ी दया होगी। इस संबंध में मुखिया सोनी देवी ने कहा कि वह इस गर्दिश की बाबत उच्च अधिकारियों से बात करके एक इकाई आवास का निश्चित रूप से प्रयास करेंगी

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