पर्यावरण संरक्षण के बिना जीवन संभव नहीं है : मिथिलेश ठाकुर
रंका में 74वां वन महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन, मंत्री ने किया पौधरोपण
रंका। वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के तत्वावधान में शुक्रवार को रंका प्रखंड के खरडीहा में 74वां वन महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन गढ़वा विधायक झारखंड सरकार के पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर ने दीप प्रज्जवलित कर किया। इस दौरान मंत्री श्री ठाकुर ने पौधरोपण कर लोगां को पौधा लगाने एवं उसे बचाने का संदेश देते हुए पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक किया। इस दौरान मंत्री ने उपस्थित सभी लोगों को एक - एक पौधा वितरण किया।
मौके पर मंत्री श्री ठाकुर ने कहा कि पर्यावरण के प्रदुषण को लेकर पूरा देश चिंतित है। इस समस्या से निपटने के लिए एक मात्र उपाय पौधरोपण करना एवं उसे सुरक्षित रखना है। जब पर्यावरण सुरक्षित रहेगा तभी जीवन भी सुरक्षित रहेगा। इसलिए सभी लोग पौधा लगाएं और उसे बचाएं। तभी हम सुरक्षित रह पाएंगे, अन्यथा जीवन संभव नहीं है। मंत्री श्री ठाकुर ने कहा कि सभी लोगों को वन के महत्व को समझना होगा। तभी इसका लाभ लोगों को मिल सकता है। उन्होंने कहा कि पेड़-पौधों से जीवनदायिनी स्वच्छ ऑक्सीजन के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिए औषधि भी प्राप्त होता है। पेड़ों की अंधाधुंध कटाई से पर्यावरण में बहुत बदलाव आ गया है। समय पर वर्षा नहीं हो पा रही है। जिससे किसान समय पर खेती नहीं कर पा रहे हैं। इसलिए समय रहते सचेत होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार वृक्षारोपण के लिए कई योजनाएं शुरू की है। लेकिन जब तक आम जनता सरकार की योजनाओं से नहीं जुड़ेगी, पर्यावरण के प्रति जागरूक नहीं होगी तब तक इन योजनाआें का लाभ नहीं मिल पाएगा।
उन्होंने कहा कि अफ्रीका के एक शहर में पानी की घोर किल्लत हो गई है। वहां लोगों को पानी नहीं मिल पा रहा है। अफ्रीका जैसी स्थिति पैदा होने के पहले ही हमें सचेत होना होगा। उपायुक्त शेखर जमुआर ने कहा कि पानी और पर्यावरण बहुत जरूरी है। उन्होंने पर्यावरण और जल संरक्षण के बारे में कहा कि वे एक जुलाई से पौधा लगाने व जल संरक्षण अभियान की शुरुआत की है। डीसी ने कहा कि 150 पंचायत भवन में पौधरोपण कर लिया गया है। साथ ही सभी सरकारी भवनों में पौधरोपण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जबतक जन सहभागिता नहीं होगी तब तक पर्यावरण सुरक्षित नहीं होगा। गढ़वा को पानी एवं ग्रीन वातावरण की जरूरत है, इसके लिए वे प्रयासरत हैं। दक्षिणी वन प्रमंडल पदाधिकारी शशि कुमार ने वन महोत्सव के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वन महोत्सव की शुरुआत वर्ष 1950 में की गयी है। तबसे वन महोत्सव मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि रंका पूर्वी वन क्षेत्र के कंचनपुर और दौनादाग के 50 हेक्टेयर वन भूमि में विभिन्न प्रजाति के 83 हजार पौधा लगाए गए हैं। उत्तरी वन प्रमंडल पदाधिकारी दिलीप कुमार यादव ने कहा कि वे जानते हैं कि गरीबों को भोजन बनाने के लिए जलावन की आवश्यकता है। इसके लिए वे पेड़ नहीं काटें, बल्कि पेड़ की टहनी काटें क्योंकि पेड़ कट जाने से टहनी नहीं फेंकते हैं। उन्होंने कहा कि गढ़वा जिले में 4.25 लाख हेक्टेयर वन भूमि है। इसमें 30 हजार हेक्टेयर वन भूमि में पौधरोपण किया गया है। मौके पर एसडीओ रामनारायण सिंह, एसडीपीओ संतोष कुमार, प्रमुख हेमंत लकड़ा, बीडीओ देवानंद राम, सीओ शंभु राम, रेंजर गोपाल चंद्रा, थाना प्रभारी शंकर प्रसाद कुशवाहा, बीस सूत्री अध्यक्ष अहमद अली अंसारी, उपाध्यक्ष कार्तिक पांडेय, झामुमो जिला अध्यक्ष तनवीर आलम, प्रखंड अध्यक्ष आशीष कुमार गुप्ता, दीपक सोनी, पूर्व मुखिया अनिल कुमार, समाजसेवी राजेश कुमार मद्धेशिया, देवेंद्रनाथ तिवारी, जैनुल्लाह अंसारी, पप्पू यादव आदि लोग उपस्थित थे।