हरकत में आई वन विभाग, छापामारी कर दस बोरा बीड़ी पत्ता किया जप्त
सोनू कुमार/बरवाडीह
बरवाडीह । झारखण्ड के पलामू टाइगर रिजर्व अंतर्गत प्रतिबंधित वन क्षेत्रों में बीड़ी पत्ता का अवैध और गैरकानूनी कारोबार काफी तेजी से फल फूल रहा हैं। वन विभाग के तमाम प्रयास के बावजूद माफियाओं ने पीटीआर के वन क्षेत्रों में पिछले बीस दिनों के अंदर स्थानीय लोगों के जरिए बीड़ी पत्ता की तुड़ाई करवाने के बाद संग्रह करने का काम भी पूरा कर लिया है, अब इसे जंगलों के रास्ते ले जाने की तैयारी युद्धस्तर पर चल रही है। इसके बावजूद अब तक वन विभाग अवैध कारोबारियों पर नकेल कसने में कामयाब नहीं हो पाई है। इधर सोमवार को प्रमुखता से मामले को प्रकाशित किए जाने बाद वन विभाग हरकत में आई। जिसके बाद मंगलवार को छिपादोहर थाना क्षेत्र अंतर्गत जुरुहार के चहलिया टोला में छापामारी कर दस बोरा अवैध बीड़ी पत्ता जप्त करने की कारवाई की गई है। मिली जानकारी के अनुसार वन विभाग की टीम को देखकर वन माफिया मौके से फरार होने में कामयाब हो गए। वहीं दूसरी ओर विभाग बीड़ी पत्ता के मालिक का पता लगाने में जुट गई है।बता दें कि पीटीआर के प्रतिबंधित एरिया में पलामू और लातेहार के वन माफियाओं द्वारा स्थानीय स्तर पर गांव के नामचीन लोगों को मुंशी बनाकर हर वर्ष दस करोड़ या इससे अधिक का कारोबार करते आ रहें है। लेकिन ऐसा लगता है कि माफियाओं की पहुंच विभाग या पुलिस प्रशासन की पहुंच से कही ऊपर तक है, जिस कारण उनकी गिरफ्तारी या उनपर कानूनी कारवाई नहीं हो पाती हैं। यही कारण है पीटीआर के जिन प्रतिबंधित इलाकों में एक सुखा पत्ता उठाना भी गैर कानूनी माना जाता है, उन क्षेत्रों में हर वर्ष हरे भरे पत्तो की तुड़ाई का अवैध कारोबार तेजी से फलता फूलता है, और कारोबारी पत्ता तुड़वाने व दस से पंद्रह दिनों तक सुख के बाद बोरियों में कसकर वाहनों जरिए जंगलों के रास्ते परिवहन भी र रात बड़ी आसानी से कर लेते हैं। क कभार अगर कारवाई होती भी है तो और स्थानीय लोगों पर जो इन जंगल ठिकेदारों से पैसे लेकर पत्तों का सं करने का काम करते है। जानकारी चलें कि पीटीआर के हेहेगड़ा, नावाड चहल, चुंगरु, लात के साथ-साथ मोर सैदूप, मंडल, बढ़निया, ततहा, झ आदि क्षेत्रों में कारोबारियों के द्वारा ब पत्ता की बोरियों को वाहनों के माध्यम ले जाने की तैयारी पूरी कर ली गई हैं