अंजलि शाश्वत ने रचा कीर्तिमान Garhwa

अंजलि शाश्वत ने रचा कीर्तिमान
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                   गढ़वा जिले की प्रथम कवयित्री व संस्कार भारती गढ़वा जिला इकाई की सहमंत्री अंजलि शाश्वत ने दिनांक 7 जनवरी 2023 को नेहरू युवा केन्द्र गढ़वा द्वारा नेताजी सुभाष चंद्र बोस को केंद्र में रखकर आयोजित जिला स्तरीय भाषण प्रतियोगिता-2023 में प्रथम स्थान प्राप्त कर सभी को गौरवान्वित किया है। साथ ही साथ इसी दिन राष्ट्रीय युवा दिवस को केंद्र में रखकर सूरत पांडेय डिग्री कॉलेज गढ़वा में आयोजित भाषण प्रतियोगिता में भी प्रथम स्थान प्राप्त किया है। इस तरह वह गढ़वा जिले की प्रथम ऐसी बालिका बन गई हैं  जिसने लगातार सात बार विभिन्न संस्थानों द्वारा आयोजित जिला स्तरीय भाषण प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पाने का गौरव प्राप्त किया हो।
                ध्यातव्य है कि पूर्व में भी विभिन्न संस्थानों द्वारा आयोजित जिला स्तरीय भाषण प्रतियोगिता में अंजलि शाश्वत ने लगातार पाँच बार प्रथम स्थान प्राप्त चुकी हैं।
                  अंजलि शाश्वत तेरह वर्ष की अवस्था से ही कविता लेखन में रुचि होने के कारण कुछ न कुछ रचती रहती थीं। धीरे-धीरे उनकी इस प्रतिभा में निखार आता गया और राष्ट्रीय स्तर के कवि-द्वय यश मालवीय तथा श्लेष गौतम के साथ मंच साझा किया। इसके बाद अपनी प्रतिभा के बल पर राष्ट्रीय स्तर के आयोजनों में भी कुरुक्षेत्र,प्रयागराज, राँची,जमशेदपुर,धनबाद आदि स्थानों पर अपने काव्य-पाठ से सभी को काफी प्रभावित किया।इन्हीं उपलब्धियों के कारण उन्हें गढ़वा जिले की प्रथम कवयित्री की उपाधि प्राप्त हुई।उनकी कविताएँ राष्ट्रीय पत्रिका कलाकुंज भारती में भी प्रकाशित हो चुकी हैं।उनका काव्य-पाठ प्रसारण आकाशवाणी व दूरदर्शन पर भी हो चुका है।दूरदर्शन पर उनका साक्षात्कार भी प्रसारित हो चुका है।अपनी इस विधा के कारण विजय प्रतिभा सम्मान से भी सम्मानित हो चुकी हैं।
                   बहुमुखी प्रतिभा की धनी अंजलि शाश्वत ने अब तक कई काव्य-रचनाओं के साथ-साथ कुछ लघु नाटक भी लिखें हैं। साथ ही साथ उन्होंने विभिन्न लघु नाटकों में भूमिका निभाकर अपनी अभिनय-प्रतिभा का लोहा मनवाने में भी कामयाबी हासिल की हैं। उन्होंने कई अवसरों पर सफल मंच संचालन भी कुशलतापूर्वक किया है।
                 अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर आयोजित जिला स्तरीय आयोजन में भी मुख्य मंच से अंजलि शाश्वत ने आयुष मंत्रालय द्वारा निर्धारित प्रोटोकॉल का सफल प्रदर्शन कर योग में अपनी दक्षता से सभी को परिचित करवाया। अंजलि शाश्वत की योग की इन्हीं कुशलताओं के कारण इस क्षेत्र से जुड़े सक्षम लोग हर संभव मदद करने तैयार हैं।
                 अंजली शाश्वत कला एवं साहित्य की अखिल भारतीय संस्था संस्कार भारती के राष्ट्रीय आयोजन "गंगा मनुहार,प्रयागराज" में भी झारखंड की तीन सदानीरा नदियों दामोदर ,भैरवी और स्वर्णरेखा का जल-कलश लेकर झारखंड राज्य का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं।
                  वर्तमान में वह सूरत पांडेय डिग्री कॉलेज , गढ़वा से हिंदी में स्नातक प्रतिष्ठा कर रही हैं।
                    अंजलि शाश्वत का मानना है कि कोई भी बालिका पारिवारिक या सामाजिक परेशानियों के कारण अपनी प्रतिभा को निखारने से ना चुके। महिलाओं का सामर्थ्यवान होना इसलिए आवश्यक है क्योंकि वो परिवार का आधार होती है और परिवार देश का आधार होता है। 
"जब एक नारी सामर्थ्यवान होती है तो
एक अकेली सीता राक्षसों के बीच सुरक्षित रह के दिखा सकती  है।
एक अकेली झाँसी की रानी ब्रिटिश हुकूमत को हिला सकती है।
और यदि सब ऐसी हो तो
देश का भविष्य बना सकती है।"
                     अंजलि शाश्वत चाहती हैं कि संपूर्ण समाज इस दिशा में मिलकर काम करे। नारी जो सृष्टि का आधार है उसे रचनात्मक कार्यों में आगे बढ़ने का परिवेश उपलब्ध कराना हर नागरिक का कर्तव्य है।
            राष्ट्रवादी अंजलि शाश्वत का यह भी मानना है कि  
"आजादी केवल एक नायक की ज़िम्मेदारी नहीं, 
जन-जन की साझेदारी  है।"

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