लातेहार के बुड्ढा पहाड़ जंगल में सक्रिय 15 लाख के इनामी भाकपा माओवादी रीजनल कमांडर ने रांची में किया सरेंडर
लातेहार संवाददाता सोनू कुमार
रांची : प्रतिबंधित संगठन भाकपा माओवादी के रीजनल कमांडर अमन गंझू उर्फ अनिल गंझू उर्फ प्रमुख सिंह भोक्ता उर्फ काजू जी उर्फ काजू भोक्ता ने बुधवार को झारखंड पुलिस और सीआरपीएफ के सामने आईजी ऑफिस में सरेंडर कर दिया। इसके खिलाफ 17 मामले दर्ज थे। इनमें लातेहार में 07 और गढ़वा में 10 मामले दर्ज हैं। सरकार ने इसपर 15 लाख का इनाम घोषित किया था।
बिहार के औरंगाबाद का है निवासी
माओवादी अमन गंझू बिहार के औरंगाबाद के ढिबरा थाना क्षेत्र के झरना गांव का रहने वाला है। सरेंडर करने के बाद उसे इनामी राशि दी गयी। इस दौरान आईजी अभियान एवी होमकर, डीआईजी अनूप बिरथरे, गढ़वा एसपी अंजनी कुमार झा, सीआरपीएफ सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
लातेहार के बुड्ढा पहाड़ और लोहरदगा के बुलबुल जंगल में था सक्रिय
एक रिश्तेदार से जमीन विवाद के बाद अमन गंझू साल 2004 में नक्सली संगठन में शामिल हो गया था और तभी से संगठन में सक्रिय रूप से काम कर रहा था। वह बुड्ढा पहाड़ और बुलबुल जंगल में सक्रिय हैं। भाकपा माओवादी के बिहार रिजनल कमेटी के तहत कोयल शंख क्षेत्र के शीर्ष नेता अरविंद जी की मौत के बाद, अमन गंझू ने संगठन के विस्तार, नीति निर्माण, कार्य योजना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
माओवादियों को लगा बड़ा झटका
आईजी ने कहा कि अमन के सरेंडर करने से कोयल शंख जोन समेत पूरे झारखंड, बिहार और छत्तीसगढ़ में माओवादी संगठन को बड़ा झटका लगा है। इस सरेंडर में झारखंड पुलिस, सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स के साथ-साथ कोबरा और सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स की पटना रेंज फील्ड टीम की अहम भूमिका रही है।
अर्धसैनिक बलों ने माओवादियों के खिलाफ छेड़ी थी लड़ाई
आईजी अभियान एवी होमकर ने कहा कि वर्ष 2022 में झारखंड पुलिस ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल और अन्य केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के साथ मिलकर भाकपा माओवादियों के खिलाफ निर्णायक लड़ाई छेड़ी थी। इसके तहत कई दशकों से झारखंड और छत्तीसगढ़ की सीमा पर नक्सलियों की शरणस्थली रहे बुढ़ा पहाड़ इलाके में सितंबर माह में ऑपरेशन ‘ऑक्टोपस’ चलाया गया।
नक्सलियों के विरुद्ध लगातार मिल रही सफलता
आईजी ने बताया कि इस अभियान में बूढा पहाड़ क्षेत्र को लगभग नक्सल मुक्त बनाने के लिए गढ़वा जिले के बूढा पहाड़ की चोटी पर झालुडेरा के लातेहार जिले के तिसिया और नवाटोली तथा झारखंड की सीमा से सटे छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले के पुंदाग में सुरक्षा बलों का कैंप लगाया गया है। सटीक सूचना के आधार पर नक्सलियों द्वारा छिपा कर रखे एलएमजी रायफल, हजारों जिंदा कारतूस, ग्रेनेड और भारी मात्रा में आईईडी-विस्फोटक समेत कुल 17 हथियार बरामद हुए हैं।
1311 नक्सली गिरफ्तार, 30 मारे गये और 48 ने किया सरेंडर
इस ऑपरेशन ने इलाके में नक्सलियों की कमर तोड़ दी है। जान बचाने के लिए उन्हें पलायन करने पर मजबूर होना पड़ा। पुलिस के इस बढ़ते दबाव के साथ-साथ भाकपा-माओवादी संगठन के आंतरिक शोषण और डराने-धमकाने से क्षुब्ध कई नक्सलियों ने पुलिस से संपर्क किया और मुख्यधारा में शामिल होने की इच्छा जतायी। इसी क्रम में अमन ने सरेंडर कर दिया। होमकर ने बताया कि झारखंड पुलिस तीन साल में 1311 नक्सलियों को गिरफ्तार कर चुकी है। इस दौरान 30 नक्सलियों को मार गिराया गया है जबकि 48 नक्सलियों ने सरेंडर किया है।