नीलगाय के आतंक से परेशान किसान अंचल में जमा करें आवेदन,मिलेगा मुआवजा ...बीडीओ सह सीओ जोहन टुडु---रिपोर्ट : ब्रजेश कुमार पांडेय

 गढ़वा/कांडी : दृष्टि युथ ऑर्गेनाइजेशन की टीम व भाजपा किसान मोर्चा के  जिला संयोजक रामलला दुबे ने  नीलगाय के आतंक को देखते हुए प्रखंड विकास पदाधिकारी सह अंचलाधिकारी को सौंपा पत्र। उक्त सभी लोगों ने बताया कि गढ़वा उपायुक्त ,अनुमंडल पदाधिकारी, वन प्रमंडल पदाधिकारी समेत राज्य के मुख्यमंत्री और राज्यपाल को भी आग्रह पत्र सौंपा जाएगा। वहीं उन्होंने यह भी कहा कि अगर एक महीने के अंदर सरकार द्वारा किसी पर के निष्कर्ष नहीं निकलती है तो विशाल आंदोलन किया जाएगा। उक्त सभी लोगों ने जानकारी देते हुए बताया कि इन दिनों इलाके के किसानों को नीलगाय के आतंक से जूझना पड़ रहा है। झूंडों में आकर नीलगाय फसलों को नुकसान पहुंचाते रहते हैं। ठंड के कारण किसान जहां रखवाली करने में मुस्तैद नहीं रह पा रहे हैं जिसका लाभ नीलगाय उठाने में लगे हैं। जिले के पहाड़ी इलाको से लेकर मैदानी भागों के गांवों के किसान नीलगाय द्वारा फसल नष्ट कर दिए जाने से काफी परेशान हैं। किसानों के अनुसार खेतों में लगी मसूर, तेलहन, हरी सब्जी नीलगाय के द्वारा प्रतिदिन नष्ट कर दी जा रही है। एक साथ 15 से 30 नीलगाय खेतों में प्रवेश करते है जिस खेत में झुंड जाता है उस खेत की फसल को चरने के अलावे बर्बाद भी कर देते है। निलगायों के तांडव से मुक्ति के लिए किसानों ने जिला प्रशासन और वन विभाग के अधिकारियों को कई बार आवेदन भी दिया लेकिन किसानों को राहत पहुंचाने की दिशा में आज तक कोई पहल नहीं किया जा सका है। जिससे किसानों में काफी आक्रोश व्याप्त है। नीलगायों से त्रस्त किसानों की माने तो बाधार में झूंड के झूंड नीलगाएं को भगाने के लिए कई बार प्रयास किया गया लेकिन अगले दिन वे पुन: लौट आते है। ऐसे में समझ में नहीं आ रहा क्या उपाय किया जाए।


वहीं पत्र सौंपने के दौरान प्रखंड विकास पदाधिकारी अंचलाधिकारी जोहन टुडू  ने कहा कि वन्य प्राणी अधिनियम का नीलगाय जंगली जीव है, इसलिए इन्हें छूने एवं मारने पर वन्य प्राणी अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाती है, जिसके कारण नीलगाय को ग्रामीण मारने से बेहद डरते है। उन्होंने कहा कि फसल बर्बाद होने की स्थिति में मुआवजे का प्रवधान है। किसान संबंधित अंचलाधिकारी के पास आवेदन देकर मुआवजे की मांग कर सकते है।






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