खुलेआम जंगल के हरे भरे लकड़ियों का काटना एवं वन क्षेत्र का दोहन जारी news

भवनाथपुर से संवाददाता अयोध्या कुमार का रिपोर्ट

भवनाथपुर:जब संपूर्ण विश्व वैश्विक महामारी का प्रकोप से पीड़ित था, उससे बचने के रास्ते खोज रहे थे और अपने पूरे परिवार, समाज, देश के लिए चिंतित थे वही दूसरी तरफ उस काल में वन विनाश विभाग के द्वारा पूरे झारखण्ड में अवैध रूप से खुलेआम जंगल के हरे भरे लकड़ियों का काटना एवं वन क्षेत्र का दोहन जारी था उसको देखते हुए पलामू निवासी कमलेश सिंह के द्वारा माननीय मुख्यमंत्री, पुलिस महानिदेशक इत्यादि को ट्वीट किया गया तथा ऑनलाइन शिकायत दर्ज की गई थी कि अवैध रूप से वन विभाग के द्वारा काटी जा रही वन क्षेत्र को रोका जाए । कोई कार्यवाही ना होता देखकर कमलेश सिंह जी के द्वारा जनहित याचिका दायर की गई थी, जिसके सुनवाई के उपरांत दिनांक 06/04/23 को न्यायालय ने आज निर्देश पारित किया कि पूर्व में दायर सरकार के द्वारा प्राथमिकी पर क्या कार्यवाई की गई है उसके अद्यतन जानकारी माननीय न्यायालय को उपलब्ध कराई जाए एवं सरकार के द्वारा वन क्षेत्र के कटाव को रोकने के लिए क्या कार्रवाई की गई है उसके बारे में भी शपथ पत्र के द्वारा जानकारी दी जाए।
         माननीय न्यायालय में अधिवक्ता श्री अभय मिश्रा के द्वारा बताया गया की वादी एक सरकारी कर्मचारी है। लेकिन जनहित को देखते हुए पर्यावरण संरक्षण के लिए जनहित याचिका दायर करने हेतु अनुमति ली जाए, ऐसा कोई नियम नही है। पूर्व में उच्चतम न्यायालय के द्वारा यह आदेश पारित है किसी भी सरकारी कर्मचारी एवं निजी व्यक्ति को जनहित याचिका दायर करने के लिए रोका नहीं जा सकता यह मौलिक अधिकार है। जो कि जनहित याचिका जनता के लिए होता है, निजी लाभ के लिए नहीं तथा वादी के अधिवक्ता के द्वारा माननीय न्यायालय को यह भी बताया गया कि जब पूरा विश्व वैश्विक महामारी के चपेट में था तब वन विभाग के कर्मचारी एवं पुलिस प्रशासन के कर्मचारी वन क्षेत्र के कटाव में लिप्त थे एवं सैकड़ों पेड़ो को काट रहे थे तथा उसको बेच रहे थे । वादी के सूचना देने के उपरांत भी किसी प्रकार की कार्रवाई आज तक नहीं की गई जबकि जांच सन 2020 से ही पुलिस विभाग का क्राइम इन्वेस्टीगेशन डिपार्टमेंट जांच कर रहा है।

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